संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। हिन्दुस्तान सदियों से संसार को शिक्षा की रोशनी में नहाता आया है। आगे भी कुछ लोग अभी इस तरह की उम्मीद लगाए बैठे हों। ये बातें सटीक बैठती है उस सखशियत पर जिसने वर्षों से बिहार के जहानाबाद जिले (Jahanabad district) में शहर में ही शिक्षा रूपी उपयोगी संस्कार विकसित करते रहने का कार्य किया है। वे वहां एक चर्चित स्कूल के संचालक सह निदेशक हैं। जिनका नाम अक्षय कुमार है।
हाल ही में साहित्य प्रेमी स्कूल निदेशक अक्षय कुमार के प्रेरणा श्रोत रहे इनके पिता अखिलेश कुमार शर्मा दिवंगत हुए। पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए निदेशक कुमार सहसा यह कह उठे कि कर्म के प्रति निष्ठा माता पिता की प्रेरणा से ही आपके मन मस्तिष्क मे जगह बनाती है। इसलिए वे ही बच्चों की सफलता सबसे महत्त्वपूर्ण है। मालूम हो कि कुमार पच्चीस वर्ष से अधिक समय से जहानबाद के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान बाल विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। खास बात यह कि इनके अनुसार निष्ठा इनके पिता और अन्य वरिष्ठजनों से अर्जित बेहतर भारतीय संस्कारों से आईं। जिसके बदौलत इन्होंने जहानाबाद शहर और आसपास के बच्चों का भविष्य संवारा और संवारते चले जा रहे हैं। हाल ही में इन्होंने कुछ और भी बेहतर तरीके से शिक्षा प्रसार की रणनीति बनाई है। शहर के जुड़े लोगों को उम्मीद है कि वे इस दूसरे प्रयास से भी अपने बच्चों की शिक्षा में कुछ खास लाभ उठा पाएंगे। मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव के एक जिम्मेदार इन्सान अक्षय कुमार का पैतृक ग्राम अरवल जिला के हद में हसनपुर पीपरा में है। इनकी सामाजिक छवि जहानाबाद में एक उच्च प्रतिष्ठित स्थान रखता है।
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