पत्नी ने पीपीई कीट पहनकर दी मुखाग्नि
एस.पी.सक्सेना/दरभंगा (बिहार)। कोरोना महामारी ना सिर्फ लोगों की जान ले रहा है बल्कि आपसी रिश्तों को भी दूर कर दे रहा है। इसका उदाहरण बीते दिनों बिहार के दरभंगा (Darbhanga) में देखने को मिला। जहां एक व्यक्ति की कोरोना से मौत के बाद सूचना के बाद भी परिवार वाले और रिश्तेदार अर्थी को कंधा देने तक नहीं आये। ऐसे में अकेली महिला अपने पति के शव को लेकर दरभंगा शमशान घाट पहुंची और पीपाई कीट पहनकर मुखाग्नि दी। इस काम में जब अपनों ने मुंह फेरा तो कबीर सेवा संस्था के लोगों ने दाह संस्कार में उस वीरांगना महिला को मदद किया।
जानकारी के अनुसार समस्तीपुर की रहने वाली मीना देवी का पति हरिकांत राय कोरोना संक्रमित हो गये थे। इसके बाद उन्हें रोसड़ा अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब हरिकांत राय (Harikant Roy) की तबियत ज्यादा खराब हुई तो अस्पताल प्रबंधन के सहयोग से रोसड़ा अस्पताल से उसे दरभंगा अस्पताल भेज दिया गया। दरभंगा के कोरोना वार्ड में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने अपने सभी रिस्तेदारों को इसकी सूचना भी दी। रिश्तेदारों द्वारा कोरा आश्वासन के अलावा कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।
अंतिम संस्कार के लिए महिला ने कई घंटों तक परिजनों का इंतजार किया, लेकिन जब कहीं से मदद नहीं मिली तो अकेले ही अपने पति का अंतिम संस्कार करने की ठानी। इसी बीच उसने कबीर सेवा संस्था से संपर्क कर मदद मांगी और करीब मौत के अठारह घंटे बाद अपने पति के शव को एम्बुलेंस पर डाल कर महिला अकेले ही शमशान पहुंच गई। जहां कबीर सेवा संस्था के लोगों की मदद से महिला ने पीपीई कीट पहनकर अपने पति को न सिर्फ मुख्यग्नि दी बल्कि विपरीत परिस्थिति में अपने हिम्मत और हौंसले का अद्भुत परिचय दिया।
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