बाल हृदय योजना ने लाई मयंक के घर में खुशहाली इलाज के बाद लौटा घर पांच

संतोष कुमार संवाददाता वैशाली,बिहार। नीतीश सरकार (Nitish Government) की सात निश्चय योजना टू ने एक बेहतर अंजाम दिया है जिसके तहत हृदय में छिद्र की शिकायत से पीड़ित पांच वर्षीय मयंक का इलाज हुआ और माता पिता के साथ ही घर में जश्न का माहौल बना। शनिवार को जानकारी मिली कि मयंक पटना एयरपोर्ट से अपने पैतृक घर वैशाली (Vaishali) के गोरौल प्रखंड के फतेहपुर पहुंच चुका है। जहां खुशहाल माहौल में देखा गया। चुकी मयंक के दिल में छेद होने की जानकारी एक आंगनबाड़ी के केंद्र पर डॉ सरांगधर मिश्रा,जो उस वक़्त उक्त केंद्र पर नामांकित बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रहे थे,उन्हें को मिली और उन्होंने फतेहपुर निवासी सह बीमार मयंक के पिता धीरेन्द्र को यह जानकारी दी। मजदूरी करने वाले धीरेन्द्र को काफी अच्मभा हुआ और चिंता भी हुई। उसकी माता मनीषा के अनुसार कभी कभी मनीष लक्षणों की जानकारी अपने एक्टिविटी में भी दिया करता था,लेकिन वह बात कोई नहीं जान सका जो डॉ मिश्रा ने आंगनबाड़ी केंद्र पर पाया। फिर योजना के पार्ट टू में बाल हृदय योजना की जानकारी मयंक के पिता को बाल सुरक्षा के समन्वयक डॉ अशोक कुमार ने दी और योजना के प्रति किसी पीड़ित के इलाज की सफलता कि कहानी उदाहरण के तौर पर बताया। फिर उसका इलाज हुआ। शनिवार को उसके घर पहुंचने पर परिजनों में खुशी का माहौल देखा गया। जबकि आईं जी आईं सी और आईं जी एम एस तथा रायपुर के एक स्वयंसेवी अस्पताल से इलाज को लेकर सफलता नहीं मिली थी,लेकिन राज्य की सात निश्चय योजना पार्ट टू के बाल हृदय योजना ने पांच वर्ष छह महीने के मयंक के इलाज में आरबी एस के की मदद से योजना ने एक मासूम की मासूमियत उसके माता पिता को वापस कर दिया। आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में भी बात चर्चा सुनी जा रही।

 

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