खाना बनाने के पौराणिक तरीके पर लौटने को मजबूर हैं ग्रामीण
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर(बिहार)। सिलिंडर महंगा होने से आमजन परेशान हैं और महंगाई कम करने का नारा देकर सत्ता में आई भाजपा की मोदी सरकार (Modi government) कॉरपोरेट घराने के ईशारे पर इसे घटाने के बजाय और बढ़ाकर परेशान लोगों को और परेशान कर रही है। आलम यह है कि गांव- टोला- मुहल्ला में परम्परागत जलावन की मांग के साधन उपलब्ध कराने में लोग जी – जान से लग गए हैं। इस कारण गैस की गाड़ी को जलावन वाला लकड़ी ढोना पड़ता है। कहीं लोग अपने वृक्ष को पंगवाकर (झाड़ काटकर) जलावन का इंतजाम तो कहीं गोबर से गोयठा बनाने का सिलसिला शूरू कर दिया है। आज दलित- गरीब के बच्चे पढ़ाई छोड़कर जलावन चुनने को विवश हो रहे हैं।
महिला संगठन ऐपवा के समस्तीपुर (Samastipur) जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, सरसो तेल, रिफाईन आदि का महंगाई आसमान छू रहा है। महंगाई से खासकर दलित- गरीब ही नहीं मध्यम वर्गीय परिवार ही परेशान है। केंद्र की मोदी सरकार अपने वादे के उलट महंगाई बढ़ाकर आमजनों का जीना मुहाल कर दिया है। ऐसी जनविरोधी सरकार को आंदोलन तेज कर सत्ता से बेदखल कर आमजनों को बचाया जा सकता है।
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