विजय कुमार साव/गोमियां(बोकारो)। पेटरवार प्रखंड (Petarvar block) के हद में तेनुघाट (Tenu ghat) स्थित जलाशय में 12 मार्च को 7 लाख मछली का जीरा छोड़ा गया। स्थानीय विधायक ने इस संबंध में कहा कि यह सरकार की कल्याणकारी योजना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पेटरवार प्रखंड के पतकी केज साईड में 12 मार्च को गोमियां विधायक डॉ लम्बोदर महतो (Gomian MLA Doctor Lambodar Mahato) , मत्स्य प्रसार पदाधिकारी प्रमोद कुमार, सचिव जयनंदन केवट ने मछली का जीरा छोड़ा। तेनुघाट डैम के पतकी साइड के किनारे जलाशय में अलग-अलग मछली का जीरा लगभग सात लाख छोड़ा गया। मौके पर गोमियां विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि तेनुघाट जलाशय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केज कल्चर द्वारा मत्स्य पालन कर ग्रामीण अपनी जीविका चला रहे हैं। झारखंड सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ तेनुघाट जलाशय से सटे गांवों के रहिवासी उठा रहे हैं। तेनुघाट डैम में लगभग सैकड़ों व्यक्ति मत्स्य सदस्य बनकर और 19 मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड बनाकर इसका लाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि मछली का जीरा और दाना भी सरकार द्वारा ही दिया जाता है। गांव के रहिवासी मत्स्य समिति बनाकर इसका उपयोग कर अपनी बेरोजगारी दूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2012-13 से पतकी पुनर्वास, मिर्जापुर पुनर्वास, गागा, साड़म, चलिया सहित कई जगहों के लोग मत्स्य जीवी सहयोग समिति बनाकर इस विभाग से जुड़े हैं। विधायक ने बताया कि समिति द्वारा मछली पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस समिति से जुड़ने के लिए पांच एवं तीन दिवसीय मत्स्य पालन प्रशिक्षण रांची के डोरंडा एवं धुर्वा शालीमार में प्रत्येक वर्ष दिलाया जाता है। मौके पर मत्स्य समिति के सचिव राजेश भोग्ता, केज मत्स्य मित्र भागवत केवट उर्फ निखिल, हेमंत केवट, गिरजा केवट, अशोक केवट, पुरन केवट, हिमांषु केवट, केके बेदिया, सतीश कुमार महतो, सिकंदर महतो, माणिक केवट, चितरंजन केवट सहित दर्जनों मत्स्य किसान उपस्थित थे।
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