ममता सिन्हा/तेनुघाट(बोकारो)। सर्वोच्च न्यायालय, झारखंड (Jharkhand) उच्च न्यायालय एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (Pradeep Kumar Shrivastava) के निर्देशानुसार बीते 21 फरवरी को तेनुघाट जेल में एक ऑनलाइन जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा व्यवहार न्यायालय तेनुघाट से किया गया।
तेनुघाट जेल में आयोजित इस ऑनलाइन या आभासी जेल अदालत में वादों के निष्पादन हेतु एक बेंच का गठन किया गया था। जिसके सदस्य तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम विशाल गौरव एवं पैनल अधिवक्ता शैलेष कुमार सिन्हा मौजूद थे। उक्त जेल अदालत में वादों के निष्पादन के लिए एक भी आवेदन नही दिया गया था। इसलिए एक भी मामलों का निष्पादन नहीं किया जा सका। साथ ही तेनुघाट जेल में एक आभासी या ऑनलाइन विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन व्यवहार न्यायालय तेनुघाट से वीडियो कॉन्फ्रंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम विशाल गौरव के द्वारा जेल के बंदियो को अधिकार एवं कर्तव्य कि जानकारी देते हुए कहा कि जहां आपका अधिकार है वहीं कर्तव्य भी है। जिस प्रकार रोड पर चलना आपका अधिकार है वहीं रोड के बाएं ओर चलना आपका कर्तव्य है। इसलिए आप अपने अधिकार के साथ साथ कर्तव्यों का भी पालन करते हैं तो आपको कभी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस अवसर पर बंदियों को दहेज उत्पीड़न एवं मोटरयान दुर्घटना के बारे में जानकारी दी गई। बंदियों को कानूनी जानकारी देते समय जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी, जेलर अरुण कुमार शर्मा आदि मौजूद थे। उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम संजीत कुमार चन्द्र ने दी।
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