संतोष कुमार/वैशाली(बिहार)। हमारे बुजुर्ग कहते आए हैं कि हमारा किसी के साथ व्यव्हार ही यह तय करता है कि हमारी पहचान कितनी मजबूत होगी। इस कहावत को दुहराता हुआ नजर आएगा,जब आप जानेंगे कि वैशाली जिला (Vaishali District) मुख्यालय हाजीपुर के हद में एक प्रमुख बैंक का अधिकारी सह असिस्टेंट मैनेजर दीपक दिव्यांग (Deepak Divyang) होते हुए भी अपने सदव्यव्हार से जानने वालों को दीवाना बनाते जा रहे।
हालांकि इन बातों को अपने वेल मैनर्स को वह इंसानियत के तराजू पर तौलते भी रहते हैं। अहंकार से कोसो दूर हैं दिव्यांग दीपक। साथ ही ऑफिस की सभी प्रकार की प्रावधानिक जिम्मेदारियां दीपक बहुत ही निष्ठा से निभाते रहे हैं। इसके अलावा दीपक की विनम्रता भी काबिले तारीफ मानी जा रही हैं।
अग्रणी बैंक अधिकारी दीपक के अनुसार किसी इंसान की कमजोरियां तब तक उसके रास्तों की रुकावट नहीं बनती है जबतक वह इंसानी तकाजों को जीवन से भुला नहीं दे। यही हाल है उस असिस्टेंट मैनेजर सह दिव्यांग बैंक अधिकारी दीपक का। जो अपनी शारीरिक अदक्ष्ता को अपने कार्यालय आने वालों के बीच कभी जाहिर नहीं होने देता और लोग उसके इस व्यवहार के दीवाने होते जा रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से भी दीपक अक्सर अपने इस गुण के लिए हमेशा ही सराहे जाते रहे हैं।
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