विजय कुमार साव/गोमियां(बोकारो)। गोमियां प्रखंड (Gomian block) के हद में देवीपुर स्थित खेला चंडी मेला वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस वर्ष फीका रहेगा। इस वर्ष यहां नहीं लगेगा मेला। बेरमो के अनुमंडलाधिकारी अनंत कुमार (Anant kumar) ने श्रद्धालुओं से इस बार माँ खेला चंडी की सादगी के साथ पूजा करने का निर्देश दिया है।
खेला चंडी मेला का इतिहास वर्ष 1766 से रहा है। वर्षों से मान्यता रहा है कि खेला चंडी मंदिर में प्रार्थना करने से मनोकामना पूरी होती है। यहाँ लगनेवाले मेला वाले स्थान से कुछ ही दूरी पर मिट्टी फेंकने का रिवाज है। मनोकामनाएं पूरी होने पर लोग कबूतर उड़ाते हैं और देवी को खुश करने के लिए बकरा की बलि देते हैं। दंत कथा के अनुसार यहां पर देवियां क्रीड़ा करने के लिए आती थी। जिस कारण इसका नाम खेला चंडी पड़ा।
स्थानीय रहिवासी ठाकुर लोह सिंह देव ने बताया कि जहां लोग मिट्टी फेंकते हैं वहीं से देवी निकली थी। उस वक्त हाथी घोड़े के जोर से मूर्ति को निकालना चाहा मगर मूर्ति नहीं निकली। देवी ने फिर सपना दिया की पूजा कर उन्हें निकाला जाए। उसी तरह पूजा करके मूर्ति को वहां से निकाला गया और स्थापित किया गया।
इस वर्ष कोरोणा काल के कारण मेला नहीं लगेगा। सिर्फ सादगी पूर्ण तरीके से पूजा होगी। इस संबंध में बेरमो के अनुमंडल पदाधिकारी अनंत कुमार ने बताया कि कोविड-19 के कारण यहाँ लोग ज्यादा भीड़ ना लगाएं और सादगी पूर्ण तरीके से त्यौहार को घर में मनाएं।
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