प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट(बोकारो)। वर्ष 2014 के चर्चित संतोष पांडेय (Santosh Pandey) हत्याकांड के दोषियों को तेनुघाट (Tenu ghat) व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने 12 जनवरी को सातो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जज प्रथम राजीव रंजन ने अभियुक्त बैजनाथ महतो, गणेश भारती, नेमी पूरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी एवं केवल महतो को आजीवन कारावास की सजा एवं प्रत्येक को दस दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सभी सातों अभियुक्तों को सजा सुनाए जाने के बाद तेनुघाट जेल भेज दिया गया।
मालूम हो कि सूचक अनंत लाल पांडेय के लिखित आवेदन पर नावाडीह थाना कांड संख्या 55/14 दर्ज किया गया था। जिसमें अनंत लाल पांडेय ने अपने आवेदन में बताया कि उसके छोटे भाई संतोष कुमार पांडेय को बैजनाथ महतो के अगुवाई में जितेंद्र पुरी, नेमी पूरी, गणेश भारती, कैलाश पुरी, केवल महतो, मेघलाल पुरी, सूरज पूरी द्वारा अमानवीय ढंग से बुरी तरह से पीटा गया। सूचक के भाई को मारते मारते बेहोश कर दिया गया। उसके बाद उसके इलाज के लिए डीवीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। घटना 20 मार्च 2014 को घटी।
उक्त बयान के आधार पर नावाडीह थाना में मामला दर्ज किया गया। अनुसंधान के क्रम में 10 अभियुक्तों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। अनुसंधान के बाद उपरोक्त 10 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र हत्या के मामले में दर्ज किया गया। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजीव रंजन के न्यायालय में आया। जहां दसों अभियुक्त के विरुद्ध हत्या की धारा में आरोप गठन किया गया। अभियोजन की ओर से 34 गवाहों का बयान न्यायालय में दर्ज किया गया। गवाहों के बयान, उपलब्ध साक्ष्य एवं परिस्थिति को देखते हुए न्यायालय में दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष रखें। जिसमें न्यायालय ने सात अभियुक्तों को हत्या के मामले में दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास एवं दस दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। मालूम हो कि तीन अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव पूर्व में ही रिहा किया गया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण डे, कुमार अनंत मोहन सिन्हा एवं अरुण कुमार सिन्हा ने किया। सजा सुनाये जाने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार अनंत मोहन सिन्हा ने कहा कि अभियुक्तगण इस फैसले के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
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