प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट(बोकारो)। तेनुघाट (Tenughat) अधिवक्ता संघ की ओर से 3 जनवरी को एक मांग पत्र जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) को सौंपा गया। जिसमें से जल संसाधन विभाग के क्वाटर में रह रहे अधिवक्ता, लिपिक, टंकक, दुकानदार, ठीकेदार तथा सिंचाई विभाग के जमीन पर अवैध रूप से निर्माण कर निवास करने वालों को लीज पर जमीन और सरकारी आवास देने की मांग की गई।
मांग पत्र में कहा गया कि यहां लोग वर्ष 1975 से लगातार सिंचाई विभाग के टूटे-फूटे क्वार्टर को मरम्मत कर रह रहे हैं। पहले बिजली और पानी भी सिंचाई विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता था। विगत 10 वर्षों से बिजली और पानी की व्यवस्था सरकारी तौर पर अलग से कर दिया गया है। जिस तरह बिजली का बिल यहां सरकारी आवास में रह रहे लोग दे रहे हैं। उसी तरह क्वाटर का भी भाड़ा देने को तैयार हैं। सरकार लीज पर देती है तो लीज पर भी लेने के लिए तैयार है। इससे जल संसाधन विभाग को काफी राजस्व मिलेगा।
मालूम हो की अविभाजित बिहार राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे ने बेरमो अनुमंडल प्रशासन को मौखिक रूप से आदेश दिया था की अवैध रूप से रह रहे अधिवक्ताओं, उनके लिपिक एवं अन्य से सरकारी आवास खाली नहीं कराया जाए तथा उनके विरुद्ध लंबित मामला को समाप्त किया जाए। सचिव जल संसाधन विभाग को ज्ञापन देने वालों में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कुमार अनंत मोहन सिन्हा, महासचिव वकील प्रसाद महतो, तेनुघाट पंचायत की मुखिया रेखा सिन्हा, अधिवक्ता हरिशंकर प्रसाद, वीरेंद्र प्रसाद, सुभाष कटरियार, रमेन्द्र कुमार सिन्हा, पत्रकार मुकेश कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे। सचिव जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने गंभीरता पूर्वक अधिवक्ता संघ के सदस्यों की बात को सुनकर विधि सम्मत कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
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