एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। झारखंड (Jharkhand) प्रदेश राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा की बैठक 19 सितंबर को धर्मशाला मोड़ चास में आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष राजेंद्र महतो तथा संचालन डॉ सी.के.ठाकुर ने की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष सह झारखंड प्रजापति (कुम्हार) महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र महतो, कुशवाहा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष हाकिम प्रसाद महतो, राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर सी के ठाकुर सहित पिछड़ा वर्ग के कई स्थानीय समाजसेवकों ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार सहित महागठबंधन और एनडीए गठबंधन दलों ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में विधानसभा चुनाव पूर्व पिछड़ों की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने का वादा किया था।
वहीं राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने तमिलनाडु और महाराष्ट्र की तर्ज पर झारखंड में भी पिछड़ी जातियों को जनसंख्या के आधार पर 50 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा सरकार से की हैं। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति लोकनाथ प्रसाद ने तमिलनाडु और महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश का अध्ययन के बाद सरकार को अनुशंसा पत्र भेजा है।
झारखंड के विभिन्न जातिय संगठनों ने विगत कई वर्षों से पिछड़ो का आरक्षण जनसंख्या के अनुपात में करने की मांग सरकार और आयोग से बराबर करते रहे है। संगठनों की मांग पर आयोग ने वर्तमान सरकार से की है। जिसके लिए सभी जातिय संगठनों ने आयोग का आभार प्रकट किया हैं तथा उम्मीद जताया है कि वर्तमान राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सार्थक प्रयास करते हुए अविलंब लागु करवाने का काम करेंगे।
मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र महतो ने कहा कि झारखंड में पिछड़ी जातियों की 54 से 55 प्रतिशत आबादी है। इसके बावजूद इन्हें मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जो बेहद कम है। इस वजह से पिछड़ा वर्ग के पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी नहीं मिल रहा है।
आयोग के अनुसार सरकार चाहे तो जनसंख्या के अनुपात में पिछड़ी जातियों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दे सकती है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में फरवरी 2019 को भी पिछड़ी जातियों का आरक्षण बढ़ाने की अनुशंसा की थी। तब भी तमिलनाडु और महाराष्ट्र में पिछड़ी जातियों को दिये जा रहे आरक्षण का उल्लेख किया गया था। आयोग ने हाल ही में हुए जातिगत सर्वे को जनसंख्या का आधार बताया है।
कुशवाहा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष हाकिम प्रसाद महतो ने कहा कि वी पी मंडल आयोग अनुशंसा पर भारत सरकार के प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने इसे लागु किया परन्तु आरक्षण विरोधी ताकतों ने हर समय से पूर्ण रूप से लागू होने में रोड़े अटकाए। काका कालेलकर आयोग व वीपी मंडल आयोग के रिपोर्ट में बेवजह क्रिमिलेयर जोड़ने की साजिश के बहाने इसे लागु होने नहीं देने के आरक्षण विरोधियों को पहचानने की जरूरत है।
पिछड़ा समाज विधानसभा और लोकसभा के सीटों को पिछड़ा समाज के लिए आरक्षित करने की केन्द्र व राज्य सरकार से मांग करती है। वहीं वैसी ताकतो और आरक्षण विरोधी दलो के राजनैतिक नेताओं को चिन्हित कर चुनाव में सबक सिखाने के लिए पिछड़ा समाज से अपील की जाती है। राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर सी के ठाकुर ने कहा कि आज आरक्षण को सिर्फ सरकारी ही नहीं निजी क्षेत्रों में भी लागू करने की अवश्यता है।
कारण वर्तमान केन्द्र सरकार सार्वजनिक संस्थानों को निजी हाथों को बेचने का काम कर रही है। आज संपूर्ण पिछड़ा समाज को राष्ट्रीय स्तर पर गोलबंद होकर आरक्षण और संविधान को बचाने के लिए सड़क से लेकर संसद तक आवाज बुलंद करने की जरूरत है अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेगी।
आयोग की इस अनुशंसा को लागू करवाने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल द्रोपदी मुर्मु, कांग्रेस नेता व मंत्री रामेश्वर उरांव, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो, विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी सहित सभी दलों के राष्ट्रीय व प्रदेश नेता से मोर्चा एवं जातिय संगठनों के प्रतिनिधि मिलकर इसके समर्थन एवं लागु करवाने की मांग की करेगें। झारखंड के सभी मंत्री, सांसदों एवं विधायकों को पत्र लिखकर इसे जल्द लागू करवाने के लिए संगठनों से मांग करेगी। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से चंद्रवंशी समाज के प्रवक्ता अजीत कुमार सिन्हा, करमचंद गोप, हीरालाल प्रजापति सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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