मुंबईकरों को जल्द मिलेगी कूल लोकल

मुंबई। मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन में इस इस उमस भरी गर्मी में पसीने से तरबतर मुंबईकरों को आने वाले कुछ सालों में आराम मिलने वाला है। मुंबई अर्बन ट्रांसपॉर्ट प्रॉजेक्ट-3 (एमयूटीपी) के तहत खरीदे जाने वाली सबअर्बन लोकल के सभी रैक वातानुकूलित होंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड की ओर से फाइल भी क्लियर हो चुकी है।

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी के अनुसार, ‘रेलवे बोर्ड के चेयरमेन ए.के.मित्तल ने एमयूटीपी-3 के तहत खरीदे जाने वाले रैक की फाइल क्लियर कर दी है। ये सभी रैक वातानुकूलित होंगे। इसकी पुष्टि के लिए जल्दी ही बोर्ड की ओर से मुंबई रेल विकास निगम (एमआरवीसी) को पत्र जारी किया जाएगा।’

मुंबई में यात्रा के दौरान ट्रेनों से गिरने और लोगों के फुटबोर्ड पर यात्रा करते हुए दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाओं के बाद बोर्ड ने ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सुविधा के साथ नए रैक बनाने का प्रस्ताव रखा था। मुंबई में लोकल ट्रेनों की भीड़ को देखते हुए कई अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था।

विरोध करने वालों का कहना था कि लोगों की संख्या ज्यादा होने के कारण कोच में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाएगी। इसलिए बिना ए.सी. के बंद दरवाजे की लोकल चलाना सही आइडिया नहीं है। इस विरोध के बाद बोर्ड ने नए रैक को वातानुकूलित करने का निर्णय लिया।

रिसर्च, डिजाइन ऐंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा डिजाइन फाइनल करने के बाद एमयूटीपी-3 के नए रैक के लिए टेंडर निकाले जा सकेंगे। सूत्रों के अनुसार जुलाई 2017 में टेंडर जारी किया जा सकता है। हाल ही में आईसीएफ द्वारा भेल रैक में ए.सी. फिट किया गया था। यह रैक फिलहाल मुंबई में ही है लेकिन सेवा में शामिल नहीं किया गया है।

सूत्रों के अनुसार एमयूटीपी-3 के रैक में मेट्रो की तर्ज पर ए.सी. फिट किया जाएगा। इसमें ए.सी. को फ्रेम के अंदर फिट किया जाता है। एमआवीसी द्वारा आईसीएफ से प्रति कोच ए.सी. लगाने के का आकलन किया जाएगा। एक अधिकारी के अनुसार प्रति कोच 7.5 करोड़ के आसपास खर्च होगा चाहिए। एमआरवीसी को एमयूटीपी-3 के तहत 546 करोड़ कोच का ऑर्डर देना है। ऑर्डर देने के बाद कोच को सिस्टम में शामिल होने के लिए 3 साल का वक्त लगेगा।

 395 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *