दलित परिवार में किसी की हत्या पर परिवार के एक सदस्य को मिलेगी नौकरी
प्रहरी संवाददाता/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार विधानसभ चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) से ठीक पहले सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बड़ा दलित कार्ड खेला है। सीएम ने 4 सितंबर को आयोजित बैठक में बड़ा निर्णय लेते हुए अधिकारियों को आदेश दिया है कि अगर किसी भी दलित परिवार में किसी की हत्या होती है तो उस परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
अनुसूचित जाति- जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सर्तकता मीटिंग में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया है। सीएम नीतीश ने कहा कि अनुसूचित जाति या जनजाति के पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा अनुसूचित जाति या जनजाति परिवार के किसी भी सदस्य की हत्या होने पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के लिए तत्काल नियम बनाये जाये।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति या जनजाति के कल्याण के लिए हर जरूरी कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के उत्थान के लिए तथा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। अन्य संभावनाओं या योजनाओं पर भी विचार किया जायेगा। इसके अलावा और जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, उनके लिए सब कुछ किया जायेगा। अनुसूचित जाति के उत्थान से समाज का उत्थान होगा।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग जल्द से जल्द लंबित कांडों का निष्पादन करे। आगामी 20 सितंबर तक इसका निष्पादन होना चाहिए। उन्होंने इन्वेस्टिगेशन कार्य में भी तेजी लाने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया। इसके साथ ही अनन्य विशेष न्यायालयों में अनन्य विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार का यह निर्णय बड़ा माना जा रहा है। इससे पहले सीएम नीतीश नियोजित शिक्षकों की नई नियमावली को पारित कर एक बड़ा कार्ड खेल चुके हैं। महादलितों को लुभाने के लिए यह बड़ा फैसला माना जा रहा है। इस मीटिंग में सीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति या जनजाति के लिए जितनी भी योजनाएं चलाई जा रही हैं,जिसका लाभ जल्द दिलाने के लिए इसकी समीक्षा की जायेगी।
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