मेरा सौभाग्य कि मेरे जीवनकाल में पुनः बन रहा राम मंदिर-चिराग
संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा है कि देश में दलित समुदाय के साथ होने वाला भेद-भाव जब तक खत्म नहीं होता, तब तक रामराज्य संभव नहीं है। चिराग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में कई जगह आज भी देखने को मिलता है कि दलित समुदाय के व्यक्ति को मंदिर जाने से रोका जाता है। आधुनिक भारत और 21 वीं सदी में इस तरह की घटना पर चिराग ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी दलित युवक को अपनी शादी में घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है। इस भेद भाव को मिटाए बिना राम राज्य संभव नहीं।
एलजेपी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पासवान ने यह बात अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने और 5 अगस्त को भूमिपूजन कार्यक्रम के संदर्भ में कही। प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे और भूमिपूजन कार्यक्रम का चिराग पासवान ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उनका विश्वास है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ ही भगवान राम की सोच जनता तक जाए। एक ऐसा समाज बने जहां किसी के साथ भेद-भाव न हो। राम राज्य की परिकल्पना ऐसी होनी चाहिए जहां, न अमीरी –ग़रीबी, न हिंदू – मुस्लिम और न ही जाति के आधार पर भेदभाव हो।
चिराग पासवान ने स्वयं को रामायण काल के माता शबरी का वंशज बताते हुए कहा कि वंचित वर्ग से आने वाली गुरु मतंग की शिष्या भगवान श्रीराम की परमभक्त माता शबरी का वंशज होने के नाते यह उनका सौभाग्य है कि मेरे जीवनकाल में पुनः मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। कई वर्षों के बाद भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण अयोध्या में होने जा रहा है। मंदिर निर्माण न सिर्फ मानव बल्कि समस्त जीव-जंतु पशु-पक्षी के लिए ख़ुशी और आत्मसंतुष्टि की बात है। भगवान श्रीराम को देश जाति मजहब में नहीं बांधा जा सकता है। भगवान श्रीराम समस्त जीव-जंतु के लिए पथ प्रदर्शक हैं।
मतंग ऋषि की शिष्या शबरी को सभी सिद्धियां प्राप्त थीं। इसके बावजूद उनमें तनिक भी अहंकार नहीं था। इसी का प्रभाव था कि भगवान श्रीराम ने माता शबरी के जूठे बेर खाए थे। उनके प्रेम को देखते हुए श्रीराम ने उनकी तुलना माता कौशल्या से की थी। वंचित वर्ग से आने के बावजूद माता शबरी के मन में तनिक भी भेदभाव नहीं था। चिराग़ ने फिर दोहराया कि भगवान श्रीराम के इन्हीं विचारों को अपना कर ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जिसके साथ कोई भेदभाव न हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या जाने को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान पर चिराग ने कहा कि ऐसा किसी ने नहीं कहा कि अयोध्या जाने से कोरोना ख़त्म होगा। चिराग ने प्रधानमंत्री के अयोध्या जाने पर एआईएमआईएम नेता असद्दुद्दीन ओवैसी की तरफ से उठाए गए सवाल पर भी करारा जवाब दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे का स्वागत करते हुए ओवैसी को नसीहत दी। चिराग ने कहा मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई संवैधानिक अड़चन है। होली-दीवाली और इफ़्तार में ऐसे आयोजन होते रहते हैं। इस बात को ज़रूर कहना चाहते हैं कि अब इस मुद्दे पर विवाद न हो।
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