दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकारें अलग -अलग दामों पर दवाइयों की खरीददारी कर रही हैं। इसमें राज्यों के मुकाबले केंद्र सरकार करीब 500 फीसदी महंगी दवाइयां खरीद रही है। इसका खुलासा केंद्रीय आयोग के 14 सामान्य दवाओं की खरीद पर अध्ययन करने के बाद हुआ है। तमिलनाडु ने एंटी बायोटिक सेफोपेराजोन सोडियम दवा को 13.45 रुपये/ यूनिट की दर पर खरीदा।
वहीं इस दवा को केंद्र की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत उसे 48. 96 रुपये में खरीदा गया। जबकि केंद्र की पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) ने इस दवा को 63.40 रुपये में खरीदा। यानी इस दवा का बाजार दर से 471 प्रतिशत महंगा खरीदा गया!
ऐसे ही यूपी ने डाइक्लोफेनेक दवा को 132 रुपये की दर से खरीदा। वहीं, ईसीएचएस के तहत इसे 37 रुपये और सीजीएचएस के तहत 387 रुपये प्रति यूनिट (राज्य से 280% महंगी) की दर से खरीदा गया। रक्त चाप, मधुमेह, बुखार, हाइपरटेंशन, पेट के संक्रमण से लेकर विटामिन तक की खरीद में यह अंतर सामने आया है।
अध्ययन को 14 दवाओं तक इसलिए सीमित रखा गया। क्योंकि केंद्र और राज्यों की सूची में ये दवाएं ही समान हैं। इसलिए इनकी तुलना संभव है। राज्यों में तमिलनाडु की खरीद सबसे बेहतर रही है।
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