आवाज लगाने पर भी नहीं आए स्वास्थ्यकर्मी
प्रहरी संवाददाता/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार (Bihar) के भागलपुर का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बनाया गया है। यहां इमरजेंसी सेवा को छोड़कर केवल कोरोना मरीजों को ही देख जाता है। लगातार यह अस्पताल अव्यवस्था को लेकर चर्चा में है। ताजा मामला अस्पताल के आईसीयू वार्ड की एक तस्वीर से जुड़ा हुआ है।
तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें कोरोना पॉजिटिव मरीज बेड से नीचे गिरा हुआ है। उसे देखने वाला कोई नहीं है। जानकारी के मुताबिक 25 जुलाई को करीब एक घंटे तक कोरोना मरीज बेड से नीचे गिरा रहा, लेकिन किसी ने उसे उठाने की जहमत नहीं उठायी। बाहर से वार्ड भी लॉक था।
बेड से नीचे गिरे कोरोना मरीज की मदद के लिए कोई भी स्वास्थ्यकर्मी नहीं आया। ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को आईसीयू के अंदर से ही दूसरे मरीजों ने आवाज भी लगायी। लेकिन स्वास्थ्यकर्मी नहीं आए। प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्यूटी पर तैनात नर्स एवं दूसरे स्वास्थ्यकर्मी दूसरे मरीजों को ही उस मरीज को उठाकर बेड पर रखने के लिए कह रहे थे। बाद में दौरे पर आये चिकित्सकों की पहल पर पीपीई कीट पहनकर स्वास्थ्यकर्मी आईसीयू में जाकर मरीज को उठाकर बेड पर रखा।
मायागंज अस्पताल के नाम से जाना जाने वाला जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लापरवाही की यह कोई पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी कटिहार के एक कोरोना मरीज को उसके परिजनों ने आईसीयू से बाहर निकाल कर परिसर में रख दिया था।
फिर उसे इलाज के लिए अपने साथ कटिहार लेकर निकल गये। उस मरीज की कटिहार ले जाने के क्रम में रास्ते में मौत हो गयी थी। इसके अलावा सुरक्षा को धता बताते हुए कई बार इलाजरत कोरोना मरीज अस्पताल से भाग निकले। कोरोना मरीजों को दवा से लेकर भोजन तक में परेशानी की खबर सामने आती रहती है।
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