कुछ दिन पहले ही बिहार में हुआ था स्थांतरण
प्रहरी संवाददाता/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार (Bihar) में कोरोना का कहर अब बढ़ता ही जा रहा है। इस वैश्विक महामारी चपेट में अबतक पुरे बिहार में जहां 26 हजार से अधिक लोग आ चुके हैं वहीं इसने 179 लोगों की जिंदगी भी छीन ली है। कोरोना के कारण उत्तर बिहार के पावर हाउस कहे जाने वाले मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिला के हद में कांटी थर्मल पावर स्टेशन (Kanti Thermal Power Station) में कार्यरत एनटीपीसी के सहायक महाप्रबंधक जितेंद्र कुमार सिंह की भी मौत हो गई है।
सहायक महाप्रबंधक की मौत के बाद कांटी थर्मल के औद्योगिक और आवासीय परिसर में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है। एजीएम दिवंगत सिंह कहलगांव एनटीपीसी में डीजीएम थे। पदोन्नति के बाद उनका तबादला कुछ दिनों पहले कांटी थर्मल पावर स्टेशन में हुआ था। जुलाई महीने की शुरुआत में उनमें कोरोना के लक्षण का आभास हुआ। कांटी थर्मल के डीजीएम एचआर बीके शर्मा ने बताया कि चार जुलाई से सिंह क्वारेंटाइन में रह रहे थे।
हालात बिगड़ने के बाद उन्हें पटना एम्स में रेफर कर दिया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान ही 19 जुलाई की शाम को उनकी मौत हो गई। स्व. जितेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया के निवासी थे। उनकी मौत से पूरा थर्मल परिवार एक ओर जहां सदमे में है वही कोरोना संक्रमण का भय भी वहां के कर्मियों को सताने लगा है। डीजीएम शर्मा ने बताया है कि चार जुलाई के बाद सिंह कार्यस्थल पर नहीं गए थे, इसलिए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। शर्मा ने यह भी बताया है कि थर्मल परिसर में सभी कार्य स्थलों पर नियमित रूप से सेनेटाइजेशन का काम होता है। इसके अलावा थर्मल के प्रवेश द्वार पर ही सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है।
डीजीएम ने कहा है कि थर्मल स्टेशन के सभी काम कोरोना प्रोटोकॉल के साथ जारी रहेंगे। मुजफ्फरपुर में जहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है वहीं आम से लेकर खास लोग भी मौत के शिकार हो रहे हैं। इससे पहले पूर्व मेयर वर्षा सिंह के पति पार्षद संजीव चौहान की मौत भी कोरोना से हो चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक 1128 लोग कोरोना पीड़ित हो चुके हैं। जिनमें दो लोगों की मौत हुई है, लेकिन जिले से अब तक 8 से ज्यादा लोग मौत के शिकार हो चुके हैं।
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