बेकार साबित हो रहा है लाखो का सरकारी खर्च
एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। सरकारी स्तर पर स्वच्छता के लाख प्रयासों के बावजूद लोग है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क किनारे बने शौचालयों में जाने के बजाये लोग शौचालय के बगल में शौच करना उचित समझते है। ऐसे में सवाल उठना लजमी है कि लाखो का सरकारी खर्च आखिर क्यों? इस दृश्य को देख आप भी एक बार सोचने को मजबूर हो जायेंगे।
तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है कि चंद कदम के फासले पर ही तीन तीन शौचालय प्रखंड द्वारा लाखो की लागत से लोगो सुविधा के लिए निर्माण करवाया गया है। मगर फिर भी बाहर शौच यानी लघु शंका करना स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है। यह नजारा बेरमो प्रखंड के जारंगडीह (Jarangdih) उतरी पंचायत के मुख्य बाजार का है।
ज्ञात हो कि जिस देश में स्वच्छता को लेकर इतना प्रचार प्रसार किया गया और पानी पैसे की तरह बहाया गया। फिर भी लोग स्वच्छता के प्रति आज भी लापरवाह हो तो यह मान लेना चाहिए कि सारे मेहनत का खर्च रुपये बेकार चले गए। दूसरी ओर देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी खर्च कर शौचालय बना दिया गया लेकिन उन शौचालयों का तथा उसके आसपास सरकारी उदासीनता के कारण किसी प्रकार की साफ सफाई नहीं होने के कारण जरूरतमंद इन शौचालयों का उपयोग करने के बजाये इसके बाहर के स्थल का उपयोग करने में संतुष्टि महसूस करते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इतना सरकारी खर्च की आवश्कता क्यों?
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