प्रहरी संवाददाता/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। औषधि महानिदेशक की अनुमति के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना एम्स में अगले सप्ताह से कोरोना वैक्सीन (कोवाक्सीन)का ह्यूमन ट्रायल होगा। इसके लिए पटना एम्स (Patna AIMS) की ओर से कवायद आरंभ कर दी गई है। आइसीएमआर और भारत बायोटेक की साझेदारी से तैयार इस वैक्सीन का जानवरों पर परीक्षण सफल रहा है। अब इसके मानव परीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पटना एम्स के निदेशक डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इसके लिये संबंधित कंपनी व विभागीय अधिकारियों के साथ 4 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद ये वैक्सीन आएगी। दवा की डोज देने को पहले डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद ट्रायल आरंभ होगा।
इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने क्लीनिकल ट्रायल करने वाली संस्थाओं से कहा है कि 7 जुलाई से कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करना चाहिए। इसमें बिल्कुल देरी नहीं होनी चाहिए। ताकि नतीजे आने के बाद 15 अगस्त तक वैक्सीन लॉन्च की जा सके। हालांकि, अंतिम परिणाम सभी क्लीनिकल ट्रायल कामयाब होने पर ही निर्भर करेगा।
इस संबंध में आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक और इसका क्लीनिकल ट्रायल करने वाली 12 संस्थाओं को चिट्ठी लिखी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये 12 संस्थाएं आंध्रप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में हैं।
देश में कोरोना की पहली वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को हैदराबाद की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। इसे आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे के साथ मिलकर बनाया गया है। जानवरों पर इसका ट्रायल कामयाब रहा है। इंसानों पर परीक्षण के लिए इसे हाल ही में मंजूरी मिली है। ये ट्रायल इसी महीने शुरू हो रहा है।
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