मुजफ्फरपुर : रिटायर सूबेदार का पुत्र हिमांशु बना सेना में अफसर

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने सेना की परंपरा तक को बदल दिया है। पहली बार ओटीए गया व देहरादून स्थित आईएमए के पासिंग आउट परेड में जेंटलमैन कैडेट के माता-पिता (अभिभावक) शामिल नहीं हो सके हैं। समारोह के दौरान जेंटलमैन कैडेट्स को खुद ही अपने कंधे पर बैज लगाना पड़ा। आईएमए देहरादून व ओटीए गया के इतिहास में यह पहली बार गत 13 जून को हुआ। कैडेट परेड के दौरान मास्क लगाकर उतरे थे।

आईएमए में उत्तर बिहार के एक दर्जन से अधिक कैडैट पासिंग आउट समोराह के हिस्सा बने। इनमें मुजफ्फरपुर के पांच ने लेफ्टिनेंट बनकर जिले का मान बढ़ाया है। अभिभावकों को समारोह में शामिल होने के लिए इस बार न्योता तक नहीं भेजा गया था। पुत्र के अफसर बनने की खुशी माता-पिता के चेहरे पर झलक रही थी। समारोह में शामिल नहीं होने व बैज नहीं लगाने का उन्हें मलाल भी है। अबतक के इतिहास में जेंटलमैन कैडेटस को पासिंग आउट के बाद माता-पिता ही पहली बार बैज लगाते रहे हैं।

यह परंपरा आईएमए के स्थापना से चली आ रही थी। ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के राहुल नगर रोड नंबर पांच निवासी रिटायर सूबेदार संत कुमार के पुत्र हिमांशु शेखर सिंह लेफ्टिनेंट बने हैं। उन्होंने आईएमए से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इससे पहले वर्ग एक से लेकर पांचवीं तक आर्मी पब्लिक स्कूल और वर्ग छह से 12वीं तक राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल मे उन्होंने पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ही एनडीए के लिए चयनित हो गए। संत कुमार मूल रूप से सारण जिला के मसरख थाना के हद में ब्रहिमपुर के रहने वाले है। वर्तमान में गोपालगंज सैनिक स्कूल में मेस इंचार्ज हैं। हिमांशु के चाचा संतोष कुमार सिंह भी नायक सूबेदार हैं। दादी देवमती देवी व माता गीता देवी की इच्छा थी कि हिमांशु फौज में अफसर बने।

जानकारी के अनुसार वैशाली जिले के हद में राजापाकर प्रखंड के लगुरावँ विलन्दपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार के द्वितीय पुत्र रवि राज सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। वह 2008 में सैनिक स्कूल सुजानपुर तिरा, हिमाचल प्रदेश से मैट्रिक एवं इंटर की पढ़ाई पूरी की। साथ ही 2016 में एनडीए के लिए चयनित हुये। इनके पिता वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर अंचल में राजस्व कर्मचारी सह प्रभारी सीआई हैं। पिता ने बताया कि उन्हें रविराज पर गर्व है। पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हुई है। 13 जून को आईएमए देहरादून से पास आउट हुए हैं। मां शर्मिला, मामा कुढ़नी के झिटकी के बासुकीनाथ सिंह को रविराज पर फक्र है।

मुरौल प्रखंड के इटहा (ढोली) निवासी बीरेंद्र कुमार मिश्रा के पुत्र रुपेश कुमार मिश्र उर्फ प्रिंस भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। देहरादून आईएमए से पास आउट हुए। पिता बीरेंद्र मिश्रा भी सेना में प्रधान क्लर्क हैं। फिलहाल बंगाल में पोस्टेड हैं। उन्होंने बताया कि प्रिंस ने पूसा सेंट्रल स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एनडीए के लिए चयनित हुआ। उन्होंने बताया कि प्रिंस के अफसर बनने से उनके सपने को पंख लग गया। बताया कि प्रिंस को बचपन से ही वर्दी बहुत पसंद थी।

अक्सर पुलिस और सेना की ही बात करता था। आज वह अफसर बन गया। सरैया थाने के हद में बतरौलिया निवासी रिटायर हवलदार सुरेश सिंह के पुत्र इंद्रजीत कुमार सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। 13 जून को आईएमए में पासिंग आउट परेड हुआ। सुरेश सिंह ने बताया इन्द्रजीत बिहार बोर्ड से 10वीं तक की पढ़ाई की। रेवा हाईस्कूल से 12वीं पास किया। फिर एनडीए के लिए चयनित हुआ। उन्होंने बताया कि उनका बड़ा बेटा अमरजीत सेना में मेजर है। उससे प्रेरणा लेकर इंद्रजीत भी सेना में अफसर बन गया। इसके लिए वह रात दिन मेहनत किया। सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया। शेरपुर में रहने वाले नाना बिरेश कुमार ने भी इंद्रजीत को शुभकामना दी है।

नायक पद से रिटायर व चांदनी चौक स्थित एक चरपहिया वाहन की एजेंसी के मैनेजर के रूप में सेवारत सुधीर कुमार के पुत्र तरुण कुमार लेफ्टिनेंट बनकर पिता के साथ-साथ परिवार के लोगों का भी नाम रोशन किया है। तरुण की प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल नालंदा एवं मिलिट्री स्कूल चायाल से हुई। वे 2019 में सीडीएस पूरी कर आईएमए ज्वाइन किए। करीब डेढ़ साल की ट्रेनिंग पूरा करने के बाद 13 जून को पास आउट हुए। तरुण अपने पिता की प्रेरणा से लेफ्टिनेंट बने हैं। तरुण के रिश्तेदार अमरेश कुमार भी रक्षा मंत्रालय में पोस्टेड हैं। घर में मिठाईयां बांटी जा रही है।

 423 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *