मुंबईः बैंकों से कैश लेकर निकलने वालों को अपना निशाना बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश आरसीएफ पुलिस ने किया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, जबकि दो फरार हैं। पकड़े गए आरोपियों में एक महिला और एक नाबालिग युवक शामिल है। इन दोनों की गिरफ़्तारी से कई पुराने मामलों के खुलने की संभावना पुलिस द्वारा जताई जा रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस गिरोह के 11 वर्षोय नाबालिग युवक संजू बैंकों से बैग में रूपये लेकर निकलने वालों की टोह में रहता था। उसके इशारे पर गिरोह तीन अन्य सद्स्य सक्रिय हो जाते थे। इनमें से एक बैंक से नगदी रूपये लेकर निकलने वाले का ध्यान बांटने के लिए उनके शरीर या वाहन पर रंग या गंदा पदार्थ फेक कर निकल जाता था।
इस बीच दो अन्य चिन्हीत व्यक्ति को बताते थे की उनके कपड़े या वाहन पर गंदगी लगी है, इस दौरान गिरोह के सदस्यों द्वारा उक्त व्यक्ति को पानी भी मुहैया कराया जाता था और सफाई के दौरान उसकी मदद भी की जाती थी। इस दौरान रूपयों से भरा बैग लेकर चंपत हो जाते थे। इन शिकायतों को आरसीएफ पुलिस के वरिष्ठ आधकारी दिलीप राउत ने गंभीरता से लिया है। राउत के नेतृत्व में एपीआई भरत शेंडगे और उनके सहयोगियों ने इस मामले का खुलासा किया है।
इस मामले की जांच कर रहे भरत शेंडगे ने बताया की आरसी मार्ग पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक से रूपये निकाल कर जा रहे एक स्थानीय नागरीक को पेशेवर लूटेरों ने अपना शिकार बनाया। उसी दौरान पुलिस ने मेरी अकालू नामक 27 वर्षोय एक माहिला और संजू बाबू अकालू नामक 11 वर्षोय एक नाबालिग युवक को गिरफ्तार कर लिया।
जबकि इस गिरोह के दो अन्य लोग फरार होने में कमयाब रहे। पुलिस के अनुसार मेरी अकालू और संजू बाबू मां बेटा हैं। पकड़े गए मां -बेटे को अदालत ने जेल भेज दिया है। पकड़े गए आरोपियों पर आरसीएफ पुलिस के अलावा ताड़देव पुलिस थाने में करीब आधा दर्जन मामले दर्ज है। फरार आरोपियों की तलाश पुलिस सरगर्मो से कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि फरार आरोपियों को जल्द ही काल कोठरी में पहुंचाया दिया जाएगा।
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