एस.पी.सक्सेना/ पटना। कलाकार साझा संघ के तत्वावधान में बिहार सरकार (Bihar Government), कला संस्कृति विभाग एवं बिहार संगीत नाटक अकादमी की गलत नीतियों के ख़िलाफ़ कलाकार एक जुट हो कर वीडियो बनाकर 1 जून को अपना विरोध दर्ज कराया। उक्त जानकारी देते हुए कलाकार साझा संघ के अध्यक्ष ध्रुव कुमार तथा सचिव मनीष महिवाल ने बताया कि पूर्व में बिहार कला संस्कृति विभाग ने कलाकारों को मदद स्वरूप ₹1000/- देने को कहा गया था। साथ ही 15-20 मिनट का वीडियो सरकार को सपोर्ट या उसके किए कार्यों को उद्घाटित करने या कोरोना के लिए सरकार प्रयासों को उद्घाटित करने को कहा गया।
सवाल है कि कलाकार सरकार किसको मानती है ? इस लॉक डाउन में जहां किसी को घर से बाहर नहीं निकलना है उससे कैसे सरकार उम्मीद करती है कि कलाकार ढोलक वादक, खंजरी वादक, हार्मोनियम वादक आदि को एकत्रित करे और फिर वीडियो बनाए। वीडियो वाले का खर्च और फिर उसे साइट पर डाले जो कि अच्छे जानकार व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता। ग्रामीण कलाकारों के लिए बिल्कुल दुरूह कार्य है।
दूसरी बात यह कि उस वीडियो को देखा जाएगा और फिर वीडियो अच्छा लगा तो 1000/- रुपया दिया जाएगा। सरकार बताए कि आप कलाकारों की मदद कर रहे हैं या प्रतियोगिता करवा रहे हैं? प्रदर्शन कर रहे कलाकारों ने बताया कि आज लगभग 3 महीना होने जा रहा है। कलाकारों के जीविका की समस्या अपने चरम पर है। आज तक सरकार चुप्पी साध बैठी है। कलाकारों की यह बेइज्जती अब बर्दाश्त नहीं। सरकार कलाकारों की समस्या पर कोई सकारात्मक निर्णय लें। सरकार को सम्मति आए इस हेतु एक दिवसीय धरना एवं वीडियो बनाकर विरोध दर्ज किया गया।
वक्ताओं के अनुसार कलाकारों के पास अन्य कोई जीविका का साधन नहीं है। वैसे सभी कलाकारों को 10 से 20 हजार रुपया प्रत्येक कलाकारों को मुहैया कराई जाए। जब तक कि कोई स्थायी समाधान नहीं निकल जाए। संघ ने मांगो से संबंधित विज्ञप्ति बिहार के राज्यपाल सहित विभागीय पदाधिकारी, मंत्री आदि को प्रेषित किया।
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