संवाददाता/ तेनुघाट (बोकारो)। 14 फरवरी की शाम एक तरफ पुलवामा (Pulwama) के शहीदों को याद किया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ देश के बड़े छोटे शहरों में युवा पीढ़ी के युवक वेलनटाईन डे मनाने में मस्त थे। क्या यही हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति है? 14 फरवरी को देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बजाय हमारी युवा पीढ़ी अंग्रेजों की राह पर चल पड़े है।
खबर है की तेनुघाट के जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya) में शहीदों की शहादत पर समाजसेवकों व आम नागरिकों ने भारत का मानचित्र बनाया और कैंडल जलाकर उन्हें याद किया। इस अवसर पर यह भी तय किया गया की शहीदों की चिताओं पर हर बरस मेले का आयोजन किया जाएगा। ताकी उन वीरों का शहादत दिवस मनाया जा सके।
बता दें की करीब 1 साल पूर्व पुलवामा के आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना में 24 जवान शहीद हुए थे। उन्हीं की याद में विद्यालय के प्राचार्य यू.पी सिंह, एनसीसी और स्काउट गाइड के बटालियन, विद्यालय के सभी छात्र-शिक्षक शैक्षणिक भवन के प्रांगण में भारत की उकेरे चित्र पर मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी। हिंदी शिक्षिका अन्विता त्रिपाठी ने मंच संचालन किया। छात्रों की ओर से कुनाल कुमार शहीदों को समर्पित किया। इस अवसर पर कुणाल ने एक कविता भी प्रस्तुत की। जब भारत मां ने अपने बेटे को खो था”।
592 total views, 1 views today