किन्नर व छात्रों ने उठाई सरकार के खिलाफ आवाज
मुश्ताक खान/ मुंबई। चेंबूर के ज्वाइंट एक्शन कमेटी (Joint Action Committee Chembur) द्वारा एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ वाशीनाका स्थित बाबा बावडी के ईदगाह मैदान (Baba Bawdi Eidgah ground, Vshinaka) में हजारों लोगों ने धरना- प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन में चेंबूर साउथ मुस्लिम जमात के 28 मस्जिदों के सदर, मौलाना और सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक मुस्लिम और दलित समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें महिलाएं, छात्र एवं छात्राओं के अलावा किन्नर समाज के लोग भी मौजूद थे।
मिली जानकारी के अनुसार एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में उतरे प्रदर्शनकारियों ने मौजूदा सरकार पर जमकर हमला किया। चेंबूर के ज्वाइंट एक्शन कमेटी के मंच से कमेटी के डॉ. नौशाद शेख ने कहा की आजादी के दीवानों को सरकार भूल गई है। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हुं की अब भी दिल्ली के इंडिया गेट पर वतन के लिए अपनी जान न्योछावर करने वालों का नाम लिखा है। इनमें एक भी आरएसएस या भाजपा के लोग नहीं हैं।
महंगा पड़ सकता है सरकार को संविधान से छेड़-छाड़
उन्होंने कहा की इस मोदी और अमित शाह की भाजपा सरकार के आने के बाद से पूरे देश का माहौल अशांत है। मौजूदा समय में बेरोजगारी की समस्याओं से निबटने के बजाय सरकार हिंदु -मुस्लिम का राग अलाप रही है। दरअसल हर मोर्चे पर नाकाम सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गंदी राजनीति का सहारा ले रही है। वहीं वाशीनाका के मदरसा दारूसलाम के मौलाना उबैदुर्रहमान शाहीद ने कहा की मौजूदा सरकार लोगों को मुद्दे से भटका रही है। इतना ही नहीं सरकार और सरकार में बैठे लोग डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा रचित संविधान से खिलवाड़ भी कर रहे हैं। हम लोग संविधान से खिलवाड़ करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मौलाना ने कहा की इस सरकार ने धर्म की बुनियाद पर संविधान में संशोधन कर अल्पसंख्यकों में से एक को अलग कर क्या बताना चाहती है? उन्होंने कहा की भाजपा सरकार अकसर किसी राज्य के चुनाव के दौरान इस तरह का हथकंडा अपनाती है। ताकि हिंदु भाइयों का वोट हासिल किया जा सके। लेकिन सरकार यह भूल गई की अब देश की जनता हिंदु-मुस्लिम या राम मंदिर के विवादों में पड़ना नहीं चाहती। मौजूदा समय में देशवासियों के सामने सबसे बड़ी समस्या रोटी-कपड़ा और मकान का है।
लेकिन सरकार उन मुद्दों से हटकर संविधान से छेड़-छाड़ कर लोगों को गुमराह करना चाहती है। देश में शिक्षा और शिक्षित लोगों के मसले को सुलझाने के बजाय अपनी राजनीति रोटियां सेंकने के फिराक में हैं। वहीं बाबा बावड़ी रमजान शाह कादरी ट्रस्ट के डॉ. शम्मी खान ने कहा की केंद्र की मोदी सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में तथाकथित पीड़ित हिंदुओं को देश में नागरीकता देना चाहती है, हमें इसमें कोई एतराज नहीं? लेकिन भाजपा सरकार ने उन देशों से पूछा है कि वे उन्हें देंगे या नहीं।
चूंकि यहां के मुसलमानों को मुसलमानों को एनपीआर, एनआरसी और सीएए के दायरे में लाकर देश से बेदखल करना चाहती है। ऐसे में महज अपने वोट बैंक को बनाने के लिए मोदी शाह की जोड़ी ने गड़े मुर्दे उखाड़े हैं। एनपीआर, एनआरसी और सीएए को अमली जामा पहनाने के बजाय सरकार देश की प्रगति पर काम करे तो बेहतर होगा। हम उस समय तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक सरकार इस बील को रिजेक्ट नहीं कर देती। फारुक गल्ली, नूर मस्जिद के इमाम मौलाना मुजीबुद्दीन चौधरी ने कहा की जुर्म की इंतहा होती है। उन्होंने अपने एक शेर में सारी बातें कह दी। शेर कुछ इस तरह है, लगता है उस देश में अदालत नहीं होती, जिस देश में इंसा की हिफाजत नहीं होती!
मखलुके खुदा जब मुश्किल में हो, सज्दे में पड़े रहना इबादत नहीं होती!!
हर शख्स सर पर कफन बांध कर निकले और हक के लिए लड़ना बगावत नहीं होती!!
मौलाना ने कहा देश में ढेर सारे मसाइल हैं सरकार उस पर काम करे, ताकि देश तरक्की करे और शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराए। महंगाई पर लगाम कसे ताकि देशवासियों को दो वक़्त की रोटी नसीब हो। फिरका परस्ती करने से देश बंटता है। उन्होंने दावा किया की दुनिया में जितने भी मजहब हैं, सभी का सम्मान करना चाहिए। हर मजहब यही संदेश देता है की ईश्वर अल्लाह तेरा नाम सबको सहानुभूती दे भगवान। उन्होंने कहा की, कहां गया मोदी और शाह का चुनावी जुमला सबका साथ सबका विकास। शांतिपूर्ण तरीके से हुए धरना प्रदर्शन में आरसीएफ पुलिस के करीब 180 जवान एक सीनियर पीआई और दो एसीपी तैनात थे।
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