संवाददाता/ मुंबई। मुंबईकरों की सुविधाओं के लिए बना सांताक्रूज चेंबूर लिंक रोड के चालू होने से कुर्ला पूर्व के नागरिकों की समस्याएं बढ़ गई हैं खास तौर से नेहरूनगर के रहिवासी ट्रैफिक जाम से परेशान हैं, अब उनकी परेशानियां और भी बढ़ने वाली हैं। क्योंकि अब एस जी बर्वे मार्ग पर हाई रोड डिवाइडर लगाया जा रहा है। इस मार्ग पर स्टेशन से लेकर ठाणे हाईवे तक कोई भूयारी मार्ग या पादचारी पुल नहीं होने के कारण दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ सकता है?
गौरतलब है कि मुंबईकरों की सुविधाओं के लिए एमएमआरडीए ने करीब 115 करोड़ की लागत से बनने वाले सांताक्रूज -चेंबूर लिंक रोड (एससीएलआर) को 454 करोड़ रुपया में बनाया है। ताकि मुंबईकरों को सहूलत मुहैया कराया जा सके। लेकिन मुंबईकरों को सुविधा के बजाए परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। क्योंकि एससीएलआर बनने के बाद कुर्ला पूर्व के नेहरूनगर व कुर्ला पश्चिम में कपाड़िया नगर में हमेशा ट्रैफिक जाम रहता है।
इतना ही नहीं अब तो कुर्ला पूर्व नेहरूनगर स्थित एस जी बर्वे मार्ग पर भी ट्रैफिक जाम होने लगा है। क्योंकि मौजूदा समय में लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) से ट्रेन पकड़ने वाले यात्री सुविधा के लिए इस रास्ते आते हैं और ट्रैफिक जाम में फंस जाते हैं। अब यह रास्ता जी का जंजाल बनता जा रहा है। इस मार्ग पर ट्रैफिक जाम होने के कारण कई बार यात्रियों की ट्रेनें छूट जाती हैं। एससीएलआर के बनने से मुंबईकरों को काफी उम्मीदें थी,जो अब रोड जाम की समस्या से खत्म होती जा रही है।
अब तो कुर्ला पूर्व के एसजी बर्वे मार्ग से होकर एससीएलआर पर पहुंचना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। क्योंकि एस जी बर्वे मार्ग पहले से ही अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुका है। इससे यह रोड़ काफी छोटा हो गया है। जबकि इस मार्ग पर यातायात की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। वहीं अब इस मार्ग पर हाई रोड डिवाईडर लगाया जा रहा है। बता दें कि पहले से इस मार्ग पर छोटे रोड डिवाईडर हैं, वो भी कुर्ला पूर्व स्टेशन से लेकर ठक्करबप्पा कोलोनी स्थित ठाणे हाईवे के बीच कई स्थानों पर रोड क्रॉसिंग आदि की सुविधाएं भी हैं।
लेकिन अब हाई डिवाईडर लगा कर रोड क्रॉसिंग की संख्या कम करने के साथ-साथ कई स्थानों पर बंद भी किया जा रहा है। जबकि आम लोगों को रोड क्रॉसिंग के लिए छोटी जगह बनाई जा रही है। गौर करने वाली बात यह है कि इस मार्ग पर कहीं भी पादचारी पुल या भूयारी मार्ग नहीं है। इससे सड़क हादसों में इजाफा होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उल्लेखनीय है कि एस जी बर्वे मार्ग पर दोनों तरफ सुबह से रात तक फेरीवाले व स्थानीय राशन के दुकानदारों का साम्राज्य रहता है। इस मार्ग पर फेरीवालों से अधिक राशन के दुकानदारों द्वारा दुकान का माल रोड तक सजाया जाता है।
हालांकि इसके एवज में वे मनपा के अतिक्रमण विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों को हफ्ता देते हैं। उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल 2014 को एससीएलआर आम मुंबईकरों के लिए खोला गया था। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस परियोजना पर निर्धारित राशि से 339 करोड़ अतिरिक्त राशि एमएमआरडीए द्वारा खर्च किया गया है। बावजूद इसके समस्याएं समाप्त होने के बजाए उत्पन्न होती जा रहीं हैं।
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