जामिया में जो हुआ वह जलियांवाला बाग जैसा- उद्धव

साभार/ मुंबई। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में मचे घमासान में अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav thackeray) भी कूद पड़े हैं। उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि छात्रों के साथ वह जो कर रहे हैं, वह नहीं करना चाहिए। ठाकरे ने जामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Milia University) में हुई हिंसा के लिए पुलिस की निंदा की और कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है। ऐसा नहीं होना चाहिए था।

बता दें कि दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और इनमें कोई भी छात्र नहीं है। बता दें कि साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 2 FIR दर्ज कर दी थी।

रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अराजक तत्वों ने जमकर तांडव मचाया था। पुलिस और जामिया प्रशासन दोनों का शुरू से कहना है कि हिंसा में छात्रों का कोई हाथ नहीं था। हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे जो आगजनी, तोड़फोड़ के बाद जामिया कैंपस में घुस गए थे। उनको पकड़ने के लिए पुलिस भी शाम को कैंपस में घुस गई। पुलिस पर बिना इजाजत कैंपस में घुसने, स्टूडेंट्स और स्टाफ को पीटने, लाइब्रेरी में तोड़फोड़ करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के भी आरोप लगे थे।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘जामिया में जो हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है। छात्र एक ‘युवा बम’ की तरह हैं। ऐसे में हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे छात्रों के साथ जो कर रहे हैं, वह ना करें।’

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हिंसा मामले में दखल देने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को संबंधित हाई कोर्टों में जाने को कहा है। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई एस. ए. बोबडे की अगुआई वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए, हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर कोई कानून तोड़ रहा है, पत्थर मार रहा है, बसें जला रहा है तो पुलिस क्या करेंगी? बेंच ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब याचिकाकर्ताओं ने यह कहा कि जामिया और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्रों पर दर्ज केस में उनकी गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए।

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