कैब के खिलाफ मुंबई में भारी प्रदर्शन

संवाददाता/ मुंबई। नागरिक संशोधन कानून को लेकर देशव्यापी आंदोलन की आग मुंबई पहुंच गयी है। शनिवार को शहर के कई इलाकों में मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई में रह रहे आसाम मूल के नागरिकों ने भी आजाद मैदान में सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। प्रदर्शनकारियों ने इसे नफ़रत फैलाने वाला कानून बताते हुए वापस लिए जाने की मांग की। आंदोलन में समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबु आसिम आजमी (Abu Asim Azmi) के नेतृत्व में आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन किया गया।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष आजमी ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल से किसी को डरने और घबराने की जरुरत नहीं है। समाजवादी पार्टी इसका पूरजोर विरोध करती है और जल्द खिलाफ जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। आजमी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब समय आ गया गया है कि नागरिकता संशोधन बिल का पूरी ताकत से विरोध किया जाए। आजमी ने संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों ने देश को आजाद करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस आंदोलन में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथ,समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव अब्दुल कादिर चौधरी ,एवं मेराज सिद्दीकी आदि ने भी संबोधित किया।

दक्षिण मुंबई के मदनपुरा स्थित सुन्नी बड़ी मस्जिद के सामने रजा अकादमी के बैनर के तहत विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। मुस्लिम समाज के लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तथा बिल वापस लेने की मांग की। उलेमा व मौलाना अपने हाथ में तख्ती ले कर कानून को देश का एक और बंटवारा होने की साजिश बताया. रजा अकादमी के महा सचिव अल्हाज सईद नूरी, एजाज कश्मीरी व तमाम उलेमाओं ने लोगों से बिल के खिलाफ सड़क पर उतर कर आंदोलन का आवाहन किया।

इंडियन युनियन मुसलिम लीग के महाराष्ट्र महासचिव अब्दुल रहमान ने कहा है कि बिल भारतीय संविधान की धारा 14,15 व 21 के खिलाफ है। लीग ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर की है। अब्दुर्रहमान आजमी, असलम खान मुल्ला, जुबेर खान व अब्दुल हमीद ने बिल के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

एसोसिएशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राईट के बैनर तले आंदोलन किया गया। मौलाना मोहम्मद दरियाबादी व जमायत-ए-इस्लामी के सलीम खान व डाल्फ़ी डिसूजा ने नागरिक संशोधन कानून को काला कानून बताया। डा सलीम ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं, अपराध का आकड़ा आसमान छू रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री को मुसलमानों से जुड़े मसलों की ही चिंता है।

मुंबई में रहने वाले असम समुदाय के लोगों ने शनिवार को आजाद मैदान में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों के हाथों में तख्तियां थीं। जिन पर संशोधित नागरिकता कानून को नहीं कहो, हम संशोधित कानून का विरोध करते हैं, संशोधित नागरिकता कानून वापस लो और असम को बचाओ’ जैसे नारे लिखे थे। प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, हम इस मुद्दे पर कई वर्षों से लड़ रहे हैं और अब इस कानून से स्थिति और खराब हो गई है। अगर हम और विदेशियों को शरण देंगे तो असमी नागरिकों को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।

प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘जो 1971 से पहले आए हमने सभी को स्वीकार किया, उन्होंने हमारी जमीन ली, अब हमारे पास कुछ भी नहीं है। प्रदर्शन में शामिल अभिनेत्री एवं मॉडल दीपा निता शर्मा ने ट्वीट किया, हम संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हैं, हम शांति समर्थक हैं, हम अहिंसक और असम में सामान्य जनजीवन बहाल होने के समर्थक हैं। प्रदर्शनकारी ने कहा कि एक करोड़ से अधिक बांग्लादेशी असम में रह रहे हैं तथा राज्य और अधिक प्रवासियों को समायोजित नहीं कर सकता।

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