विवाद की जड़ बना कलर फोटो
संवाददाता/ मुंबई। बिरसा मुंडा सेवा संघ (BMSS) के संस्थापकों में दरार के आसार? बैनर और पोस्टरों पर फोटो को लेकर उठे विवाद अब रूकने का नाम नहीं ले रहा है। 15 नवंबर को झारखंड (Jharkhand) सहित संघ के स्थापना दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दिन मंच पर लगे बड़े बैनर से संस्थापक मंडल के कुछ सदस्यों का फोटो गायब था। जबकि उसी बैनर पर बिना अनुमति कई लोगों की तस्वीर लगाई गई थी, जो विवाद का जड़ बन गया है।
गौरतलब है कि देश की आर्थिक राजधानी महानगर में झारखंड प्रदेश की करीब आधा दर्जन से अधिक संस्थाएं अलग-अलग नीतियों व विचारधाराओं पर चल रही हैं। उन्हीं संस्थाओं के बागियों ने बिरसा मुंडा सेवा संघ (रजिर्स्टड) की स्थापना की। अब यहां भी बगावत होती दिखाई दे रही है। स्थापना से पूर्व संघ की नीतियों व श्रोत आदि मुद्दे पर करीब एक माह में कई बैठके हुई।
इन बैठकों में हर बिंदुओं पर चर्चा की गई। उसके बाद यह तय हुआ की बिरसा मुंडा सेवा संघ (Birsa Munda Seva Sangh) (बीएमएसएस) ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालक मालिकों के सहयोग में काम करेगी। इसके बाद सभी सदस्यों की सहमति से 15 नवंबर को संघ सहित झारखंड स्थापना दिवस मनाया गया। इस दिन मंच को बैनर और पोस्टरों से सजाया गया था। अब यही बैनर विवाद की जड़ बन गई है। बीएमएसएस के बागी संस्थापकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की मंच के बैनर पर बिना अनुमति कई लोगों की तस्वीरें लगी थी। जबकि इसके असली कर्ताधर्ता का कहीं नामों निशान नहीं था।
इस संघ में कई ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने तन मन और धन से कार्यक्रम को सफल बनाने में भरपूर सहयोग दिया। ऐसे लोगों को भी बैनर पोस्टर के अलावा मंच साझा करने का अवसर नहीं मिला। संघ के बागी ने बताया की समय आने पर मैं खुद सामने आउंगा। स्थापना दिवस का विवाद रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इसे सुनियोजित नीतियों से हट कर चलना बताया जा रहा है। ऐसे में संघ के संस्थापकों में बगावत के आसार हैं। मौजूदा स्थितियों को देखने से ऐसा लगता है कि संघ में दरार पड़ चुका है। इसका अंजाम एक और भावी संस्था की ओर इशारा करता है।
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