कुर्ला के शालीमार और न्यू संसार रेस्टॉरेंट
मुश्ताक खान/ मुंबई। स्वच्छ भारत अभियान, मनपा व FSSAI के नियम को ताक पर रखकर कुर्ला पश्चिम स्टेशन परिसर में शालीमार रेस्टॉरेंट (Shalimar Restaurant) और न्यू संसार रेस्टॉरेंट (New Sansar Restaurant) को विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से चलाया जा रहा है। इन होटलों में एक बार में 60 से 80 ग्राहकों के बैठने व खाने की पूरी व्यवस्था है। लेकिन शौचालय तो दूर की बात है यहां लघुशंका निवारण की कोई व्यवस्था नहीं है। इन रेस्टॉरेंटों में एसी रूम भी बने हैं। इन मुद्दों पर दोनों रेस्टॉरेंटों के मालिकों से बात की गई, तो दोनों ही अपना पल्ला झाड़ते नजर आए। इनका कहना है की कुर्ला बस स्टैंड के पास सार्वजनिक शौचालय है। वहीं इसके दूसरी तरफ होटल राम महल में ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए टॉयलेट बनाए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार दशकों से कुर्ला पश्चिम स्टेशन परिसर में तीन बड़े होटल हैं। इनमें होटल राम महल और न्यू संसार रेस्टोरेंट शुद्ध शाकाहारी एवं शालीमार रेस्टोरेंट में शाकाहारी व मांसाहारी भोजन परोसा जाता है। करीब 60 से 80 सीटों वाले शालीमार और न्यू संसार रेस्टोरेंट में मनपा और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
फूड लाइसेंसिंग गाइडलाइन्स के अनुसार इन रेस्टोरेंट में स्टाफ के लिए रेस्ट रूम, गोदाम, फायर फाइटिंग उपक्रम, निजी शौचालय आदि अनिवार्य है। लेकिन इनके पास सबसे जरूरी शौचालय तो दूर की बात है यहां लघुशंका निवारण की भी व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं टेबलों की संख्या के अनुपात में ग्राहकों के लिए अलग व इन होटलों मैनेजर, कुक, वेटर्स और सर्विस ब्याय आदि के लिए अलग शौचालय होना चाहिए। लेकिन शालीमार रेस्टोरेंट और न्यू संसार रेस्टोरेंट के एसी साईड में भी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां सवाल उठता है की बिना शौचालय के रेस्टोरेंट कैसे चल रहे हैं।
इस मुद्दे पर शालीमार रेस्टोरेंट के मालिक अबू बकर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके मैनेजर ने बताया की वो इन दिनों गांव में हैं। इत्तेफाक से मैनेजर का नाम भी अबू बकर ही है। उसने बताया की हमारे यहां मांसाहारी व शाकाहारी दोनों प्रकार के भोजनों के साथ चाईनीज पकवान भी उपलब्ध है। लंबा चौड़ा बील वसूलने वाले इन रेस्टोरेंटों में शौच या लघुशंका निवारण की कोई व्यवस्था नहीं है। शौचालय आदि के संबंध में संवाददाता ने एक वेटर्स से बात की तो उसने चौंकाने वाली जानकारी दी। वेटर ने बताया की जरूरत पड़ने पर हम लोग खाली बोतल का इस्तेमाल कर लेते हैं।
वहीं शालीमार रेस्टोरेंट के शरीफ से संपर्क करने पर उन्होंने बताया की हमारे यहां सिर्फ शाकाहारी व साउथ इंडियन फूड उपलब्ध कराया जाता है। शौचालय के मुद्दे पर उन्होंने कहा की हमारे होटल से करीब ही बेस्ट बस स्टैंड के पास सार्वजनिक शौचालय है। हम लोग उसी का इस्तेमाल करते हैं, और ग्राहकों को भी वहीं जाने की सलाह देते हैं। इन दोनों होटलों द्वारा ग्राहकों से जीएसटी आदि भी जोड़ कर लिया जाता है। लेकिन शौचालय या लघुशंका निवारण की व्यवस्था नहीं हैं।
डरते हैं या लेते हैं, क्यों मौन हैं अधिकारी?
ऐसे में मनपा एल वार्ड, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) और फूड लाइसेंसिंग गाईडलाइन्स के अधिकारी क्यों मौन हैं। नियमों को ताक पर रखकर चल रहे इन होटलों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते? इसके अलावा ‘खाद्य एवं औषधि विभाग’ (FDA) के अधिकारी भी इन होटलों की जांच करने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। यहां सवाल यह भी उठता है की अधिकारियों की मिली भगत से ऐसे और कितने होटल मुंबई व उपनगरों में संचालित हो रहे हैं? ऐसे ही अधिकारियों की लापरवाहियों के कारण कुर्ला पश्चिम के किनारा होटल में आग लगी और देखते ही देखते कई जानें चली गई। हालांकि उन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई।
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