संवाददाता/ मुंबई। दीपोत्सव (Deepawali) की पूर्व संध्या मनपा एम पश्चिम के सुभाषनगर हेल्थ पोस्ट (BMC M west subhash nagar heath post) (एसएनएचपी) के सभी सदस्यों ने सुंदर रंगोली बनाकर एक दूसरे को दीपावली की बधाईयां दी व एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। पाउडर रंगों से बनी सुंदर रंगों यहां की महिला कर्मचारियों ने बनाई है। इस त्यौहार का विशेष महत्व है। इस अवसर पर यहां की एएमओ डॉ. स्वप्नाली करांडे और यहां के को-ऑडिनेटर दिनेश मारू आदि मौजूद थे।
रोशनी के इस त्यौहार को दिवाली के रूप में जाना जाता है। दीपोत्सव के दिन लोग जश्न में दिये, मोमबत्तियां, पटाखों के अलावा अपने घरों के देहरी को रंगोली से भी सजाते हैं। रंगोली भारत की एक परंपरिक कला है। रंगोली बनाने की प्रथा न सिर्फ उत्तर प्रदेश में है, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी इसका खास प्रचलन है। देश के अलग-अलग हिस्सों मे इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे बंगाल और आसम में इसे अल्पना कहते हैं। वहीं तामिलनाडु में इसे कोमल नाम से जाना जाता है।
आंध्र प्रदेश में मुगुल्लू कहते हैं। छत्तीसगढ़ में इसे चौकापूर्णा कहते हैं। केरल मे ओणम के त्यौहार में फूलों से रंगोली बनाई जाती है। जिसे पूकालम कहते हैं। वहीं देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र में भी पाउडर रंगों से बनाई गई विभिन्न आकृतियों को रंगोली के नाम से ही जाना जाता है। राज्यों में रंगोली के लिए विशेष प्रशिक्षण और शिविरों का आयोजन व प्रतियोगिताएं भी होती हैं। लेकिन एसएनएचपी की महिला कर्मचारियों ने सिर्फ दूसरे का देख कर शानदार दिया बनाया है। जिसे डॉ. स्वप्नाली करांडे ने सराहा है।
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