बलि का बकरा बनेगी गडकरी की जनता
संवाददाता/ मुंबई। एचपीसीएल (HPCL) के ठेकेदारों की लापरवाहियों का खामियाजा एल यू गडकरी मार्ग (L U Gadkari Marg) के लगभग 25 हजार नागरिकों को भुगतना पड़ सकता है। नियमों को ताक पर रखकर एचपीसीएल के ठेकेदार मुंबई रिफाइनरी(HPCL Mumbai Refinery) वन को एम आर टू से जोड़ने के लिए हर फंडा को अपनाते जा रहे हैं। इन ठेकेदारों को कंपनी, यहां की जनता और देश की चिंता नहीं है। ऐसे में अगर ओवर हेड पाइप लाइन में कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन? एचपीसीएल के ठेकेदार सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं और यहां की जनता को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इससे पहले गडकरी हादसे में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
खबर के मुताबिक एचपीसीएल मुंबई रिफाइनरी वन को एम आर टू से जोड़ने के लिए ओवर हेड पाइप लाइन बिछाने का काम ठेका कंपनी कर रही है। इस पाइप लाइन के जरीये पेट्रोलियम पदार्थों को एमआर वन से एमआर टू में आसानी से सप्लाई किया जा सकता है। बता दें कि प्रदुषण की मार झेल रही यहां की जनता के सामने एचपीसीएल की ठेका कंपनी एक और नई मुसीबत खड़ी करना चाहती है। यहां के जानकारों का कहना है कि एचपीसीएल के करार व ओवर हेड पाइप लाइन बिछाने के नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदार द्वारा यह काम किया जा रहा था। जिसे स्थानीय समाजसेवकों ने 12 अक्टूबर की रात डायल 100 की मदद से रोक दिया। लेकिन फिर से उक्त ठेका कंपनी अपना काम धीरे-धीरे कर रही है।
मुंबईकरों को एमआर 1 और 2 से बढ़ा खतरा
ठेका कंपनी के अधिकारियों के रवैये से ऐसा लगता है कि उनमें मानवता नाम की कोई चीज नहीं है। 12 अक्टूबर की रात समाजसेवकों के हस्तक्षेप के बाद ठेका कंपनी का फेब्रीकेशन का काम बंद हुआ। इसके दूसरे दिन अहमद जे पठान ने शासन और प्रशासन को पत्र लिख कर मामले जी जांच करने का आग्रह किया है। वहीं दूसरी तरफ अलबर्ट एम लियोनार्ल्ड ने एचपीसीएल, प्रदुषण नियंत्रण, विस्फोटक विभाग, फायर ब्रिगेड व अन्य सबंधित विभागों को ई-मेल कर यह पूछा है कि भविष्य में अगर कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन? यहां की जनता का क्या होगा। वहीं लता सुनील खंडागले ने कहा की रिश्वतखोरी के दम पर इस काम को किया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो यहां की जनता आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
गौरतलब है कि देश की बहुराष्ठ्रीय हिंदुस्तान पेट्रोलियम एंड केमिकल्स कार्पोरेशन लिमिटेड (नव रत्न कंपनी) की सुरक्षा के लिए प्रबंधन पूरी तरह मुश्तैद है। समाजसेवकों ने सवाल उठाया है कि एचपीसीएल के निजी विजीलेंस अधिकारी अब तक क्यों मौन हैं। क्या उन्हें ऐसा नहीं लगता की रासायनिक पदार्थों के लिए ओवर हेड पाइप लाइन खतरे की घंटी है। यहां सवाल यह भी है कि आधुनिकता के इस युग में आतंकवादी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। इसके बाद भी कंपनी का यह रवैया संदिग्ध लग रहा है।
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