संवाददाता/ मुंबई। रेलवे की पटरियों पर जाकर शौच करने वाले लोगों से परेशान पश्चिमी रेलवे ने 20 RPF जवानों को माहिम की झुग्गियों के पास तैनात कर दिया है। रेलवे प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) लगाने का फैसला भी किया है। यहां से लाइव फीड सीधे माहिम स्टेशन मास्टर को जाएगी। इस पूरे ट्रैक पर बेहतर रोशनी का इंतजाम भी किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया है कि हाल के समय में 90 लोगों के खिलाफ माहिम के ट्रैक्स पर खुले में शौच करने को लेकर जांच हो चुकी है और 70,000 रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है। इसमें से 50,000 रुपये 2 अक्टूबर को ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना के बाद से वसूले गए हैं। अधिकारियों ने बताया है कि लोगों के खुले में शौच करने के कारण ट्रैक्स की मरम्मत में रुकावट आती है।
उन्होंने कहा कि इसके कारण न सिर्फ मजदूरों को काम करने में दिक्कत होती है बल्कि ट्रैक्स का जीवनकाल भी 50% तक कम हो सकता है। यही नहीं ट्रेसपासिंग के कारण 2018 में यहां 10 और इस साल 6 लोगों की जान चली गई है। पश्चिम रेलवे के चीफ सिक्यॉरिटी कमिश्नर एके सिंह ने बताया है कि सुबह 5 से 7 बजे और शाम को 6 बजे से रात 9 बजे तक आरपीएफ जवानों को तैनात किया जाएगा।
इसके अलावा माहिम की झुग्गियों में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान भी चलाया गया और खुले में शौच और ट्रैक पर कचरा डालने का नुकसान बताया गया। उनसे कहा गया कि उनकी मदद सिर्फ तभी की जा सकती है जब वे साथ दें। सिंह ने बताया कि मजदूर मास्क के साथ भी काम करने को तैयार नहीं होते हैं। खुले में शौच से ट्रैक्स पर जंग लगती है और पटरियां बदलने की जरूरत होती है।
इस बारे में जब झुग्गी में रहने वाले लोगों से बात की गई तो उन्होंने शिकायत की कि सबसे नजदीकी टॉइलट एक किमी दूर आजाद नगर में हैं जहां बहुत भीड़ होती है और घंटों लग जाते हैं। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने दावा किया है कि रेलवे की जमीन पर झुग्गी बनी है। एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया है, ‘जब हम झुग्गी वालों को निकालने की कोशिश करते हैं तो हमेशा ऐसा नहीं करने का राजनीतिक दबाव होता है। रेलवे ऐक्ट में ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है जो इन लोगों के पुनर्स्थापन की बात करता हो।’
359 total views, 2 views today