मुंबई में बंगाल की झलक, श्रद्धालुओं का लगा तांता
मुश्ताक खान/ नवी मुंबई। नेरूल के दुर्गा उत्सव में ऊर्जा और शक्ति की देवी मां दुर्गा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारे देखी जा रही है। पांच दिनों तक चलने वाले दुर्गा उत्सव में भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आकर्षक का केंद्र बना रहता है। बंगाली समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण पर्व दुर्गा पूजा होता है। इस उत्सव में नेरूल पश्चिम परिसर भक्तिमय हो जाता है। यहां महाप्रसाद और भंडारा की व्यवस्था ट्रस्ट द्वारा किया जाता है और बिना भेद भाव के सभी दर्शनार्थियों में वितरण किया जाता है।
आमरा प्रबासी चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन जयदीप दासगुप्ता ने बताया कि नेरूल पश्चिम स्थित सेक्टर 18 में 1,15,000 लाख वर्ग फुट में फैला रामलीला मैदान मां दुर्गा के अनुयायियों से खचाखच भरा रहता है। मां दुर्गा की आरती के दौरान संगीत के धुनों पर हाथों में पूजा समाग्रह लेकर थिरकते धर्मगुरू अनोखी अनुभुतियों का एहसास कराता है।
यहां बंगाली समुदाय के नन्हे मुन्ने बच्चे अनोखे वेशभूषा में आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। आमरा प्रबासी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा करीब 27 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। प्राचीन परंपराओं के अनुसार शरद ऋतु दुर्गा उत्सव मनाया जाता है। नवी मुंबई के नेरूल में बने माँ दुर्गा की मूर्ति पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों से बनाई गई है। आध्यात्मिक रूप से हम सभी जानते हैं कि माँ दुर्गा शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक हैं। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष सुमित चक्रबर्ती, महासचिव राथिन पॉल और खजांची शंकर भट्टाचार्य व संयोजक तन्मया सेनगुप्ता हैं।
इस वर्ष ट्रस्ट द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सप्तक भट्टाचार्य और जॉली दास द्वारा सुमना चक्रबर्ती और रतुल दास और नवामी (7 अक्टूबर) को शामी (6 अक्टूबर) की शाम संगीतमय रात्रि प्रदर्शन होगा। सास्थी और सप्तमी की शाम को स्थानीय प्रतिभाओं द्वारा प्रदर्शन के लिए स्लेवट किया गया है, जबकि पंचमी की शाम को आमरा प्रबासी लेडीज समूह द्वारा आनंद मेला (भोजन मेला) का आयोजन किया गया है। इस मेले में बंगाली गृहणियां सार्वजनिक उपभोग के लिए खाने की चीज अपनी दुकानों में सजाने वाली हैं।
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