प्रहरी संवाददाता/गोमिया (बोकारो)। स्थानीय बेरोजगार समिति ने ओरिका कंपनी के स्थानीय निति के विपरीत किये जा रहे कार्य के लिए प्रेस वार्ता कर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रेस वार्ता में प्रशासन से मामले में संज्ञान लेने व् हस्तक्षेप की अपील की गयी है।
बोकारो जिला के हद में गोमिया बैंक मोड़ स्थित पलिहारी गुरुडीह पंचायत सचिवालय में स्थानीय बेरोजगार संघर्ष समिति द्वारा 15 जून को एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए आईईपीएल ओरिका कंपनी पर स्थानीय बेरोजगार युवाओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है। प्रेस वार्ता में उन्होंने इससे जुड़े 12 बिंदुओं को सार्वजनिक किया है।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि कंपनी द्वारा लगातार राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, जो झारखंड सरकार की नीति के विरुद्ध है। स्थानीय बेरोजगार संघर्ष समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में की गई बहाली की दस्तावेजी जांच की मांग की गई है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कंपनी द्वारा किसे और किस प्रक्रिया से नौकरी दी गई है।
समिति ने कंपनी के सीएसआर फंड से किए जा रहे कार्यों की प्रशासनिक जांच की मांग की, साथ ही बारूद कारखाने की संवेदनशीलता को देखते हुए प्राइवेट गार्ड की जगह सीआईएसएफ की तैनाती की भी मांग की है। साथ ही अन्य प्रमुख मांगों में कंपनी द्वारा अधिग्रहित भूमि की मालगुजारी की वसूली और जवाबदेही तय करने, कंपनी अधिकारियों पर दर्ज मामलों में छंटनी, कोनार नदी के पानी के उपयोग की समीक्षा, विस्फोटक परीक्षण से घरों को हो रहे नुकसान की भरपाई, भूमिगत जल स्तर के गिरने की जांच और उसके असर की जवाबदेही तय करने की बातें शामिल है।
इसके अतिरिक्त, दशकों पहले कारखाना क्षेत्र से बहाए गए केमिकल से दूषित पेयजल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए। क्षेत्र में चोरी-छिपे हो रही बोरिंग पर प्रशासनिक निगरानी की मांग की गई है। समिति ने आरोप लगाया कि कंपनी पोषक क्षेत्र में बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही है। समिति ने प्रशासन से मामले में संज्ञान लेने की अपील की है।
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