सीढ़ियों के फर्श और दीवारों से लगातार गायब हो रहे पत्थर
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना नमामि गंगे के तहत सारण जिला के हद में सोनपुर के काली घाट नौका पड़ाव से दक्षिण मही नदी मुहाना के बीच निर्मित घाटों की स्थिति बदहाल है। यहां साफ सफाई नदारत है। सीढ़ियों के फर्श और दीवारों पर चिपकाए गए पत्थरों की स्थिति विभागीय देखरेख के अभाव में दयनीय हैं। मरम्मती नहीं किए जाने से पत्थर टूट- फुट रहे हैं और आयेदिन गायब भी हो रहे हैं। सच कहिए तो यहां सीढ़ियों का सौंदर्य बदरंग बन गया है।
विदित हो कि, सोनपुर स्थित नारायणी नदी के कालीघाट का दक्षिणी इलाका बहुत ही महत्वपूर्ण है। धनुष कुटीर आश्रम और मंदिर से मही नदी मुहाना मुक्ति धाम तक कई छोटे – छोटे मंदिर एवं देवी – देवता स्थापित कर पूजा पाठ होता दिखाई देता है। यहां श्रावण और कार्तिक महीने के अलावा विभिन्न पर्व त्योहारों पर स्नानार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती है।
इधर नदी तट पर श्मशान घाट भी है। चिताएं जलती रहती है और सत्य का बोध करने यहां तीर्थयात्रियों का आगमन होता रहता है। यह वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के सुप्रसिद्ध कौनहारा घाट के श्मशान भूमि के आमने -सामने स्थित है।
धनुष कुटीर आश्रम के सामने काली घाट नौका पड़ाव पर इस भीषण गर्मी में भी नौका बिहार का लुत्फ उठाते देशी पर्यटक दिख जाते हैं, परन्तु साफ – सफाई न होना उन्हें भी खटकता है। धनुष कुटीर के पीछे ठीक सड़क किनारे कुल्हड़ – चुक्कड़ आदि गंदगी का अंबार जमा है। इसे अन्यत्र हटाया नहीं गया है।
यहां स्थित काली घाट के दक्षिण मही नदी मुहाना तक बने इन घाटों को साफ सफाई की दरकार है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को इस इलाके का निरीक्षण करने की जरूरत बताई जा रही है।
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