फेरीवालों को अपने अधिकारों के लिए होना होगा एक जुट- भवानजी

पूर्व उप महापौर ने मनपा से किया सवाल फेरीवालों से अमानवीय व्यवहार क्यों ?

विशेष संवाददाता/मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी महानगर मुंबई व उपनगरों में जनता का अहम हिस्सा फेरीवाले हैं, जनता को उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार उनकी जरूरत की वस्तुओं को मुनासिब कीमतों पर उपलब्ध कराते हैं। बावजूद इसके उनके प्रति शासन और प्रशासन का रवैया चौंकाने वाला है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप महापौर बाबूभाई भवानजी ने कही। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी फेरीवालों को एक होना चाहिए, वरना उन्हें हमेशा मनपा, पुलिस के गुंडे और तथाकथित नेताओं का शिकार होना पड़ेगा। पूर्व उप महापौर बाबूभाई भवानजी ने दादर स्थित अपने निवास पर फेरीवालों के फेवर और भी कई ऐसी जानकारी दी जो वाकी चौंकाने वाली है। उन्होंने फेरीवालों की स्थिति पर अपने बेबाक विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फेरीवालों का कोई माई बाप नहीं है, हर कोई न कोई उन्हें परेशान करता रहता है, महानगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी तो इनसे रकम ऐंठते ही हैं, पुलिस और गुंडों द्वारा भी उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। इसके बाद रही सही कसर छुटभैया नेता निकल लेते हैं। इतना ही नहीं पुलिस वाले घर जाते जाते अपनी जरूरत की चीजें फेरीवालों को धमका कर उठा लेते हैं। ऐसे में अगर किसी फेरीवाले ने पैसे मांगे तो समझो उनकी शामत आने वाली है।

मीलों बंदी के बाद शिवसेना प्रमुख ने शुरू कराई थी फेरी का धंधा

भाजपा नेता और पूर्व उप महापौर बाबूभाई भवानजी ने बताया कि मुंबई की विभिन्न कपड़े आदि के मीलों के बंद होने के बाद, इन मीलों में काम करने वाले मजदूर व अन्य कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी की समस्या पैदा हो गई। ऐसे में अपना और अपने परिवार को चलने के लिए मीलों के बंद होने के बाद बेरोजगार हुए लोगों ने फेरी का धंधा शुरू किया। उन्हीं दिनों शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे ने मराठी बेरोजगार युवाओं के लिए वडा पाव का स्टाल लगाने का आदेश दिया और झुनका भाकर स्टाल की योजना बनाई। जो अब भी चल रहे हैं। भवानजी के अनुसार फेरीवालों के सर्वे का काम टाटा की संस्था ने किया था, जिसमें 1 लाख 25 हजार फेरीवालों (हॉकर्स) की गिनती हुई। उसके बाद तत्कालीन मनपा अधिकारी जी आर खैरनार ने फेरीवालों के लिए बतौर जुर्माना प्रति दिन 7 रुपए लेना शुरू किया, इससे मनपा को काफी फायदा था।

गौरतलब है कि फेरीवालों की दुर्दशा को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी जी ने संरक्षण देने के लिए राज्य सरकारों को कानून बनाने का आदेश दिया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री के आदेशों को राज्य सरकारों ने मनपा को दिया, इसी दरम्यान फेरीवालों का सर्वे भी हुआ और फार्म भरे गए जिसमें फेरीवालों की जानकारी सामने आई। भवानजी ने फेरीवालों के बारे में पूछने पर बताया कि पीएम मोदी ने फेरीवालों के लिए ऋण योजना की शुरुआत की। ताकि फेरीवालों का विकास विकास हो सके? मोदी ने डा. बाबासाहब आंबेडकर के सिद्धांतों पर पर चलते हुए सबको रोटी. कपड़ा और मकान के विचार रखे।

हर मौसम में फेरीवाले मुंबईकरों की करते हैं सेवा

भवानजी ने एल्फिंस्टन ब्रिज के बारे में बताया कि ब्रिज के गिरने से फेरीवालों के लिए कोर्ट ने आदेश दिया की फेरीवाले रेलवे स्टेशन से 1,50 मीटर में नहीं बैठेंगे, लेकिन यहां भी उनके सामने समस्याएं आने लगी तब उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया मनपा ने सिर्फ 32 हजार 425, हॉकर्स को मान्यता दी, हॉकर्स के चुनाव भी कराए गए। भवानजी का कहना है कि फेरीवाले मौसम की परवाह किये बीना धूप में बारिश और ठंड में ग्राहकों के अनुकूल कम दाम में समान बेचते हैं, जबकि दुकानों में आम आदमी के बजट से बाहर होता है, एक तरह से हॉकर्स समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फेरीवालों से सिर्फ उनका परिवार ही नहीं पलता बल्कि फेरी का सामान लाने वाले से लेकर टेंपो. ड्राइवर, हमाल, मजदूर, कारीगर यहां तक कि किसान भी जुड़ जाते हैं।

मनपा के अधिकारियों की वसूली का पर्दाफाश

पूर्व उप महापौर ने कहा कि फेरीवाले मेहनती और इमानदार होते हैं, उन्हीं के करण सामान बेचने और बनाने वाले कारखानों के लोगों की रोजी रोटी चल रही है। उन्होंने मनपा को कटघरा में खड़ा करते हुए कहा कि, मनपा ने पावती पद्धति (दंड स्वरूप) ली जाने वाली राशी को बंद कर दिया है और अब वही रकम अपनी जेब में डालते हैं। इससे पैसा भ्रष्टाचार में जा रहा है, उन्होंने कहा कि फेरीवालों को शिफ्ट एवं लाइन में बिठाया जाना चाहिए। उन्होंने मनपा से सवाल किया है कि जब फेरीवालों को नौकरी नहीं दे सकते तो उनके मुंह से रोटी का निवाला क्यों छीनने में लगे हो। फेरीवालों के साथ एक तरह का अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। मुंबई में करीब 5 लाख परिवार फेरी के व्यवसाय से अपना भरण पोषण करते हैं। उन्होंने फेरीवालों को अपने अधिकारों के लिए संगठित होने की सलाह दी है और बड़ा अभियान चलाने का भरोसा भी दिया है।

Tegs: #The-hawkers-will-have-to-be-a-gathering-for-their-rights

 99 total views,  99 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *