निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरूपयोग रोकने को ले जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला

स्वयं में बदलाव लाएं एवं क्षेत्र में एक्टिविस्ट की तरह करें काम-उपायुक्त

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। समाहरणालय स्थित सभागार में 6जून को जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरूपयोग रोकने को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता बोकारो जिला उपायुक्त अजय नाथ झा ने की। मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉ सुमन गुप्ता, राज्य समन्वयक के प्रतिनिधि डॉक्यूमेंटेशन ऑफिसर एसएलसीए सुशील कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, पुलिस निरीक्षक रूपेश कुमार, साइकाइट्रिस्ट डॉ प्रशांत मिश्रा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, जिला परामर्शी एनटीसीपी मो. असलम आदि उपस्थित थे।

कार्यशाला में उपायुक्त झा ने कहा कि काफी महत्वपूर्ण विषय पर यह प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसमें बताई गई बातों को ध्यान से सुनें और इस दिशा में गंभीरता से कार्य करें। इसके परिणाम काफी दूरगामी है। यह हमारे बच्चों तथा युवाओं के भविष्य से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि बोकारो जिला प्रशासन मादक पदार्थों के सप्लाई चैन को ध्वस्त करने को लेकर सभी जरूरी कदम उठाएगा। संबंधित विभाग के पदाधिकारी टीम बनाकर लगातार जिले में छापेमारी अभियान चलाएगी।

उपायुक्त ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को बच्चों एवं युवाओं को यह अवगत कराने को कहा कि उनका व्यक्तित्व कितना महत्वपूर्ण है। हमारे देश – राष्ट्र के लिए उनका क्या योगदान है। अगर वे मादक पदार्थों का सेवन करेंगे, तो उनका व्यक्तित्व खोखला हो जाएगा। इसके दुष्परिणामों से उन्हें अवगत कराएं। कहा कि इस कार्य को सभी मास्टर ट्रेनर एक संकल्प के रूप में लें। स्वयं में बदलाव लाएं और क्षेत्र में एक्टिविस्ट की तरह काम करें।

मौके पर उपायुक्त झा ने उपस्थित गणमान्य जनों को शपथ दिलायी। कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र की ऊर्जा होते हैं तथा युवाओं की शक्ति समाज एवं देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है। अतः यह अति आवश्यक है कि नशामुक्त भारत अभियान में सर्वाधिक संख्या में युवा जुड़े।

देश की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए हम आज नशामुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत एक जुट होकर प्रतिज्ञा करते हैं कि न केवल समुदाय, परिवार, मित्र, बल्कि स्वयं को भी नशामुक्त कराएँगे, क्योंकि बदलाव की शुरूआत अपने आप से होनी चाहिए। इसलिए आइए हम सब मिलकर अपने जिलें तथा राज्य को नशामुक्त कराने का दृढ़ निश्चय करें। प्रतिज्ञा करता हूँ कि अपने देश को नशामुक्त करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर सम्भव प्रयास करूँगा। इसका सभी ने दोहराव किया।

इस अवसर पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण सह कार्यशाला में प्रखंड स्तरीय सभी सीडीपीओ/महिला पर्यवेक्षिकाओं, विभिन्न निजी संस्थाओं, विभिन्न विभागों के कर्मियों को विशेषज्ञों द्वारा मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बताया कि यह सभी आगे प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर आमजनों को निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरूपयोग रोकने को लेकर जागरूक करेंगे। उन्होंने नशे को ना, जिंदगी को हां स्लोगन को जन जन तक पहुंचाने की बात कहीं।

प्रशिक्षण सह कार्यशाला में नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरूपयोग को समझना, कानून, अधिकार और संरक्षण तंत्र, पदार्थों के दुरुपयोग के विभिन्न आयाम और जीवन कौशल और प्रतिरोध तकनीक का निर्माण, नए उपयोगकर्ताओं को रोकने के लिए रणनीतियां, ड्रग्स और लत, संचार और सामुदायिक लामबंदी, 15 दिवसीय जागरूकता अभियान योजना और मुख्य संदेश साझा करना विषयों पर क्रमवार विशेषज्ञों ने जानकारी दी।

मौके पर महिला पर्यवेक्षिका जरीडीह पुष्पा सिंह, सीडीपीओ पेटरवार चंदा रानी, सीडीपीओ बेरमो गीता सोय, अमर संस्कार कल्याण केंद्र के सचिव रविश कुमार समेत सभी सीडीपीओ/सभी महिला पर्यवेक्षिका, विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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