शिक्षित समाज से हीं सभ्य समाज का निर्माण संभव-अजय
समाज सेवा में अग्रणी भूमिका का निर्वाह करते थे ईश्वरी बाबू-आशीष
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल के प्रसिद्ध मजदूर नेता स्वर्गीय ईश्वरी प्रसाद सिंह का 35वां पुण्यतिथि 27 मई को उनके पुत्र अजय कुमार सिंह के कथारा चार नंबर स्थित आवासीय कार्यालय में मनाया गया।
जानकारी के अनुसार इस अवसर पर वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पुण्यात्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की गयी। श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के वरिष्ठ नेता वेदव्यास चौबे ने कहा कि ईश्वरी बाबू क्षेत्र में हमेशा हर सामाजिक कार्यों में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वाह करते थे। वे समाज को हमेशा सही दिशा और मार्गदर्शन देने का कार्य किये।
श्रमिक नेता आशीष चक्रबर्ती ने कहा कि ट्रेड यूनियन में दिवंगत ईश्वरी सिंह ने ईमानदारी के बल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। सभी श्रमिक संगठन उनके कुशल व्यवहार मृद भाषी स्वभाव होने के कारण कायल रहते थे। सामाजिक, धार्मिक, ट्रेड यूनियन में उनकी भूमिका क्षेत्र में अजर अमर है। हर वर्ग हर क्षेत्र में उनकी प्रतिष्ठा एक अभिभावक की तरह होती थी। आज तक उनकी कमी हम सभी महसूस करते हैं। उनकी कीर्ति अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करती है।
श्रमिक नेता एवं स्वर्गीय सिंह के पुत्र अजय कुमार सिंह ने कहा कि पिता से मिली प्रेरणा सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें प्रेरित करती है। पिता का सपना शिक्षा को बढ़ावा देकर सभ्य तथा मजबूत समाज का निर्माण हो हमेशा उनकी सोच रहती थी। शिक्षा के लिए कई स्कूल के निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह की थी। अपने पैतृक गांव से लेकर कथारा में भी शिक्षा को लेकर स्कूल का निर्माण एवं व्यवस्था में बड़ी भूमिका का निर्वाह किए थे। उन्होंने कहा कि बिहार के औरंगाबाद स्थित उनके पिता ने अपने पैतृक गांव में अपनी निजी जमीन को सरकार के खाते में दान देकर स्कूल का निर्माण करवाया था।
जिस स्कूल का उद्घाटन एकत्रित बिहार के मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह की उपस्थिति में संपन्न हो सका था। पिता से मिली प्रेरणा अच्छे कार्यों के लिए आत्म बल को मजबूती प्रदान करता है। सदैव उनके मार्गदर्शन पर चलकर दबे कुचले असहाय का आवाज बनना पसंद करता हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसकी प्रेरणा कहीं ना कहीं मेरे पिता के आदर्श में से एक रहा है। पिता तो आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी कीर्ति मेरे परिवार के सम्मान को बढ़ाता है। जो मेरे परिवार के लिए गौरव की बात है। उसे कायम रखना हर हाल में हमारा प्रयास रहेगा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से दिवंगत के ज्येष्ठ पुत्र राम तपस्या सिंह, कनिष्ट पुत्र विजय कुमार सिंह, पौत्र स्वयं सिंह, पुत्रवधू ममता देवी, अर्चना सिंह, ममता सिंह, पौत्री शगुन सिंह सहित आशीष चक्रवर्ती, चंद्रशेखर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी, देवाशीष आस, नरेंद्र कुमार त्रिपाठी, अरुण सिंह, प्रवीण सिंह, कमल कान्त, सिंह, रमाकांत सिंह, विजय यादव, सविता सिंन्हा, संतोष सिंन्हा, संतोष राम गोड, अर्जुन करमाली आदि उपस्थित थे।
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