तंबाकू सेवन से बढ़ रही है रोगियों की संख्या-सिविल सर्जन

तंबाकू से होने वाली बीमारियों से बचाव के प्रति समुदाय में फैलायी जा रही है जागरूकता

सारण जिला में आगामी 31 मई को मनाया जायेगा विश्व तंबाकू निषेध दिवस

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला में 25 मई को 15 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान आरंभ किया गया। जिला के हद में दिघवारा प्रखंड के कई शैक्षणिक संस्थानों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों के गांव-गांव में स्थित विद्यालयों में जाकर तंबाकू से होने वाली बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिले में 15 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जायेगा।

इस क्रम में दिघवारा प्रखंड के कई शैक्षणिक संस्थानों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह जागरूकता कार्यक्रम जनक ईश्वर उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज, माध्यमिक विद्यालय शीतलपुर और उत्क्रमित मध्य विद्यालय बस्ती जलाल में आयोजित किया गया। इस दौरान शिक्षकों और छात्रों को तंबाकू के सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों और इस लत से बचने के उपायों के बारे में बताया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि तंबाकू न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने सक्रिय भागीदारी दिखायी और कई सवाल भी पूछे।

आशा कार्यकर्ताओं को भी किया गया प्रशिक्षित

बताया जाता है कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शीतलपुर डीह एवं बस्ती जलाल में आशा कार्यकर्ताओं को यह निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र में नशे के शिकार या तंबाकू का सेवन करने वाले रहिवासियों की पहचान कर उन्हें जिला तंबाकू विमुक्ति केंद्र (डीटीसीसी) भेजें, ताकि उन्हें समय पर परामर्श और इलाज मिल सके।

इस मौके पर सारण के सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिंहा ने चिंता जताते हुए कहा कि तंबाकू सेवन से रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जिसे केवल आत्मचिंतन और निरंतर जागरूकता से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य तंबाकू के खिलाफ आमजनों में जागरूकता लाने और उन्हें इसके दुष्परिणामों से बचाया जा सके।

गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार ने बताया कि तंबाकू के सेवन से मुंह, फेफड़े और पेट के कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है। उन्होंने कहा कि आज के युवा बड़ी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं।

निशुल्क पराशर्म की सुविधा उपलब्ध

साइकोलॉजिस्ट डॉ निधि ने तंबाकू की लत से उत्पन्न मनोवैज्ञानिक प्रभावों की चर्चा की और बताया कि यह आदत धीरे-धीरे व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति को भी प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि तंबाकू छोड़ने के लिए जिले के सदर अस्पताल स्थित डीटीसीसी (तंबाकू विमुक्ति केंद्र) पर नि:शुल्क परामर्श और सहायता उपलब्ध है। इस आयोजन में सीएचओ विकास कुमार एवं नेहा कुमारी ने भी सक्रिय सहयोग किया और रहिवासियों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित किया।

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