सेल आरएमडी ऑफिस रांची में खोलने की माँग तेज़, मंत्री को सौंपा गया माँग पत्र

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु-मेघाहातुबुरु, गुवा और चिरिया क्षेत्र के खनिकों ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल के रॉ मटेरियल डिवीजन (आरएमडी) का हेड ऑफिस राँची में स्थापित करने की पुरज़ोर माँग की है।

इस संबंध में संघ के किरीबुरु महामंत्री राजेंद्र सिंधिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 21 मई को झारखंड सरकार के मंत्री दीपक बिरुवा को एक माँग पत्र सौंपा। माँग पत्र में कहा गया है कि सेल की अधिकांश खदानें झारखंड में ही स्थित है। इन सभी खदानों का भौगोलिक केंद्र बिंदु राँची है। यहाँ से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के माध्यम से देश के हर हिस्से से सुगम कनेक्टिविटी उपलब्ध है। ऐसे में आरएमडी का हेड ऑफिस राँची में होना न केवल व्यावहारिक है, बल्कि इससे स्थानीय प्रशासनिक समन्वय भी बेहतर होगा।

मंत्री बिरुवा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे इस प्रस्ताव को सरकार के स्तर पर चर्चा में लाएंगे और सेल प्रबंधन को इस बाबत पत्र भेजा जाएगा। उन्होंने स्थानीय हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करने का भरोसा भी जताया। प्रतिनिधिमंडल ने एक अन्य प्रमुख माँग के रूप में यह भी उठाया कि सेल की विभिन्न परियोजनाओं और बहालियों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

उन्होंने सुझाव दिया कि मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर जहाँ 85 प्रतिशत सीटें स्टेट कोटा और 15 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटा के अंतर्गत होती हैं, वैसे ही सेल की बहालियों में भी कम-से-कम 85 प्रतिशत पद स्थानीय नियोजन नीति के तहत आरक्षित हों। माँग पत्र में स्पष्ट किया गया कि जिन रैयतों की ज़मीन, जंगल और जल पर सेल की परियोजनाएँ स्थापित हैं, उन्हें रोजगार के मामले में नजरअंदाज किया जाना अन्यायपूर्ण है।

वार्ता में किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के अनेक सदस्यों ने भाग लिया और माँगों का समर्थन किया। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व महामंत्री राजेंद्र सिंधिया ने किया। इस मौके पर झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष और झामुमो नेता रामा पांडेय भी उपस्थित रहे। झामुमो के अन्य स्थानीय नेताओं ने भी माँगों का समर्थन करते हुए कहा कि यह झारखंड के श्रमिकों के सम्मान और अधिकारों की लड़ाई है, जिसे राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा।

इस अवसर पर संघ के नेताओं ने संकेत दिया कि यदि माँगों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं होती है, तो राज्यभर में आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आरएमडी हेड ऑफिस को राँची में स्थानांतरित करना एक तार्किक और न्याय संगत निर्णय होगा, जो न केवल प्रशासनिक सुविधा देगा बल्कि झारखंड की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी सशक्त बनाएगा।

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