रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। नागरिक अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने 16 मई को अपर समाहर्ता (एसी) से भेंट कर बोकारो हवाई अड्डा को जल्द चालू करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ परशुराम महतो और सिमंत उरांव शामिल रहे।
जानकारी के अनुसार नागरिक अधिकार मंच अध्यक्ष द्वारा एक ज्ञापन जो बोकारो हवाई अड्डा को जल्द प्रारंभ हेतु भारत सरकार के केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के नाम है जिसकी एक प्रति उपायुक्त बोकारो को प्रेषित है उसे उपायुक्त की अनुपस्थिति में अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी से उनके कार्यालय में मिलकर दी गई।
ज्ञात हो कि बोकारो हवाई अड्डा के विकास हेतु 25 अगस्त 2018 को झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं तत्कालीन केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिंहा द्वारा आधारशीला रखी गई थी। यहां से वर्ष 2022 तक हवाई उड़ान प्रारंभ किया जाना था, मगर अभी तक यह शुरू नहीं किया गया है। इस हवाई अड्डा को जानबूझकर छोटी छोटी बाधाएं पैदा कर चालू होने में नाहक विलंब किया जा रहा है। साथ ही यह आपसी खींचतान और राजनीतिक कुचक्र का भी शिकार हो गया है।
पर्यटन को बढ़ावा देने, विकास को गति देने तथा क्षेत्र की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज से यात्रा कर सके इसलिए उड़ान योजना के तहत बोकारो हवाई अड्डा का चयन किया गया था। इस हवाई अड्डा का मालिकाना हक स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) को है तथा इसके ऑपरेटर के रूप में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) है। दो सौ एकड़ क्षेत्र में फैले और 1650 मीटर रनवे की लंबाई वाले इस बोकारो हवाई अड्डा से 72 सीट वाले विमान उड़ान भर सकते हैं।
ज्ञापन के माध्यम से यह अनुरोध किया गया है कि बोकारो हवाई अड्डा के प्रारंभ होने में जो भी अड़चनें आ रही हों उसे यथाशीघ्र दूर करते हुए यहां से हवाई उड़ान जल्द प्रारंभ करने की त्वरित व्यवस्था किया जाय। क्योंकि, इसके चालू नहीं होने से इस पूरे क्षेत्र के हर प्रकार के विकास पर बुरा असर पड़ रहा है। कहा गया कि इस हवाई अड्डा के प्रारंभ होने में किया जा रहा जानबूझ कर विलंब यहां की जनता से धोखा के साथ ही घोर अन्याय भी है।
ज्ञापन की प्रति नागरिक अधिकार मंच द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, धनबाद सांसद ढूलू महतो, अध्यक्ष भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, अध्यक्ष सेल, मुख्य सचिव झारखंड सरकार तथा निदेशक प्रभारी बोकारो इस्पात संयंत्र को भी प्रेषित की गई हैं। बहुत जल्द ही नागरिक अधिकार मंच का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली जाकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से मिलकर भी सारी बातों को उनके समक्ष रखने का काम करेगा।
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