इवीएम एसओपी व् चुनाव आयोग के गाइडलाइन का सख्ती से हो रहा अनुपालन-डीएम
अवध किशोर शर्म/सारण (बिहार)। आसन्न बिहार विधानसभा आम चुनाव के लिए इवीएम की प्रथम स्तरीय जांच (एफ. एल. सी) विगत 10 दिनों से सारण जिला मुख्यालय छपरा सदर प्रखंड के हद में स्थित इवीएम वेयरहाउस के एफएलसी हॉल में जारी है।
उक्त बातें जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी (डीएम) अमन समीर ने 11 मई को कार्य का निरीक्षण करने के बाद कही। उन्होंने बताया कि अभी तक 1220 बीयू, सीयू और विवि पैट एफएलसी ओके किए गए हैं। वहीं 19 बीयू, 9 सीयू और 19 वीवी पैट को रिजेक्ट किया गया है।
डीएम अमन समीर ने बताया कि सारण जिले को विनिर्माता कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड हैदराबाद निर्मित एम-थ्री मॉडल की 6210 बैलेट यूनिट, 4993 कंट्रोल यूनिट और 6134 वीवी पैट का एफ.एलसी किया जाना है। एफएलसी ओके मशीनों को ही चुनाव में उपयोग किया जाएगा। वहीं आयोग के निर्देशानुसार रिजेक्टेड मशीनों को एफएलसी कार्य समाप्त होने के फौरन बाद विनिर्माता कम्पनी को वापस कर दिया जाएगा।
जिलाधिकारी समीर ने मौके पर मौजूद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से फीड बैक लिया। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देश पर प्रत्येक दिन राजनीति दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य है। उनसे सीयू पर लगाए जाने वाले पिंक पेपर सील पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है। साथ ही उनकी उपस्थिति प्रपत्र व खोलने व् बंद करने की हस्ताक्षरित प्रोसीडिंग को प्रतिदिन चुनाव आयोग के साइट पर अपलोड किया जा रहा है। साथ ही प्रतिदिन एफएलसी ओके मशीनों की सूची राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को रिसीव कराकर उनकी पावती के साथ सूची को भी आयोग के साइट पर अपलोड किया जा रहा है।
मौके पर जेडीयू के ब्रजेश कुमार, आरजेडी के उपेन्द्र कुमार, बीजेपी के सत्यानन्द सिंह, बीएसपी के सोहन कुमार, एलजेपी के दीपक कुमार सिंह, आरएलएसपी के डॉ अशोक कुशवाहा, सीपीआई एमएल के कुणाल कौशिक आदि उपस्थित थे।
मौके पर उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने बताया कि प्रतिदिन राजनीतिक दलों को अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से एफएलसी में उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है। इसके लिए प्रत्येक दल के चार-चार अधिकृत प्रतिनिधियों को आई कार्ड जारी किए गए हैं।
मुख्य रूप से कांग्रेस, भाजपा, राजद, जदयू, बसपा, सीपीआई एम, एलजेपी, सीपीआई एमएल, रालोसपा आदि के प्रतिनिधि दैनिक रूप से उपस्थित हो रहे हैं। कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर प्रति दिन अनुपस्थित रहने वाले दल को स्मार पत्र भी जारी किए जा रहे हैं। अब तक 13 स्मार पत्र जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बीते 26 अप्रैल को दलों के साथ बैठक कर एफएलसी के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी गयी थी। वहीं इस सम्बंध में उन्हें एफएलसी की प्रक्रिया, एजेंडा, कार्यवाही आदि की हार्ड कॉपी भी उपलब्ध करायी गयी थी।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशानुसार सभी नोटीफाईड आरओ और एआरओ को भी रोस्टर के अनुसार कार्य का अवलोकन करने और रिवीजन के लिए बुलाया जा रहा है। इस क्रम में डीडीसी यतेंद्र कुमार पाल, एडीएम मुकेश कुमार, डीसीएलआर रश्मि कुमारी व् सभी प्रखण्डों के बीडीओ आदि उपस्थित हो चुके हैं।
सीधे चुनाव आयोग कर रहा है निगरानी
उन्होंने बताया कि एफएलसी की प्रक्रिया के निगरानी के लिए तीन सतह की व्यवस्था की गयी है। हाईटेक आईपी कैमरे से वेब टेलीकास्ट किया जा रहा है। जिसे कंट्रोल रूम में पदस्थापित दंडाधिकारी, जिला पदाधिकारी अपने कार्यालय वेश्म में और राज्य व भारत निर्वाचन आयोग माॅनिटर कर रहे हैं। वहीं दूसरे सतह पर वेयरहाउस का अपना सीसीटीवी कैमरा चप्पे-चप्पे की रिकार्डिंग कर रहा है। इसके साथ ही वीडियोग्राफी के माध्यम से भी सभी कार्रवाइयों को रिकार्ड किया जा रहा है। कहा कि यहां कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति हॉल में प्रवेश नहीं कर सकता है। हॉल में मोबाईल या किसी प्रकार का इलेक्ट्रिक गजेट ले जाना सख्त वर्जित है।
मौके पर मौजूद एफएलसी कोषांग के वरीय प्रभारी पदाधिकारी सह नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि यह कार्य कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में संपन्न कराया जा रहा है। वेयरहाउस के अपने स्टैटिक सुरक्षा कर्मी के साथ ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्बारा अलग से मजिस्ट्रेट और आधा सेक्शन फोर्स प्रतिनियुक्त किया गया है। किसी को भी मेटल डिटेक्टर डोर से गुजर कर और फ्रिक्सिंग के बाद ही प्रवेश करना है। वेयरहाउस में मेडिकल टीम की भी तैनाती की गयी है।
एफएलसी की पूरी प्रक्रिया को नोडल पदाधिकारी सह डीएमडब्लूओ रवि प्रकाश ने समझाते हुए कहा कि यह मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच है। जिसे इसीआईएल के 13 सूक्ष्मता के साथ संपन्न कर रहे हैं। इसके लिए पहले सभी मशीनों की प्री एफएलसी जांच की जा रही है।
तब विविपैट में डमी सिम्बाॅल की लोडिंग करने के बाद प्रत्येक बीयू, सीयू और विविपैट को कनेक्ट कर प्रत्येक 16 बटन पर छह-छह वोट डाले जा रहे हैं। अंत में डाले गए कुल वोटों के रिजल्ट से विविपैट के पर्ची की गिनती कर मिलान कर टेस्ट में पारित और रद्द मशीनों को आयोग के विशेष ऐप ईएमएस-0.2 पर स्कैन के माध्यम से अपलोड किया जा रहा है।
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