जुलूस निकालकर वक्फ संशोधन कानून रद्द करने की मांग

प्रदर्शनकारियों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम संबोधित स्मार पत्र बीडीओ को सौंपा

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। वक्फ संशोधन कानून रद्द करने की मांग को लेकर वक्फ कानून रद्द करो संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 29 अप्रैल को समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर में जोरदार प्रदर्शन किया गया।

जानकारी के अनुसार ताजपुर प्रखंड क्षेत्र के शाहपुर बघौनी चौक से जुलूस निकलकर प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शन के बाद सभा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित 10 सूत्री मांग पत्र बीडीओ गौरव कुमार को सौंपा गया।

इससे पूर्व बड़ी संख्या में रहिवासी शाहपुर बघौनी चौक पर इकट्ठा होकर अपने-अपने हाथों में वक्फ संशोधन कानून रद्द करो, पहलगाम आतंकी हमला के आतंकियों पर कारवाई करो आदि नारे लगाते हुए जुलूस एलकेवीडी कॉलेज रोड, अस्पताल चौक, चांदनी चौक होते प्रखंड मुख्यालय पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया।

सभा की अध्यक्षता भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, एकबाल जाफरी, नुरूज्जोहा कमाल, कारी अनवार, मसूद जावेद की 5 सदस्यीय अध्यक्ष मंडली ने की। संचालन आसिफ होदा ने किया।

इस अवसर पर अरमान सदरी, मुर्शिद अहमद, मसुद जावेद, नाज बाबु, मो. तबरेज, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, मुकेश कुमार गुप्ता, अब्दुल मलिक, मो. नुर आलम, मिंटू बाबू, नसरुद्दीन फैजी, मो. आफताब, मो. अय्याज, मो. मुराद, मो. अनिस, ईफराद आलम, डॉ मजहर आलम, गुलाब प्रिंस, आकिब जाबेद, सफिउर रजा, मो. फैयाज, मो. साकिर, मो. हसरत, सज्जाद मंजर, मो. अफरोज आदि ने सभा को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए बारी- बारी से आसिफ होदा एवं एकबाल जाफरी ने कहा कि आज हमारा मूल्क गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है। अंग्रेजी निजाम के खिलाफ मूल्क की आजादी में सांझा संघर्ष के दौरान, सांझी शहादत-सांझी विरासत से जो गंगा-जमुनी तहजीब और सांझी संस्कृति कायम हुई थी, आज भाजपा और आरएसएस उसे तार-तार कर रही है। जिस वजह से मुल्क की जम्हूरियत और आईन्द खतरे में है।

हमारे मुल्क में बैठी फासीवादी निजाम देश के आवाम की खुशहाली, आपसी भाईचारा और अमन-चैन को मटियामेट करने पर आमादा है। वक्फ संशोधन बिल का करोड़ों आवाम और विपक्ष के विरोध के बाबजूद सत्ता में बैठी नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान, चंद्राबाबू नायडू के सहयोग से भाजपा पास कराने में सफल हो गई है जो आईन्द के अनुच्छेद 26 का गंभीर उलंघन है।

कहा गया कि वक्फ संशोधन कानून के जरिए अकलियतों के दस्तूर की बुनियाद के तसव्वुरात को खत्म की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ मुसलमानों के पहचान को मिटाकर द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाने के लिए यह कानून लाया गया है।

भाकपा माले के सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने दिल्ली किसान आंदोलन की तरह वक्फ संशोधन कानून रद्द होने तक अनवरत आंदोलन चलाने की घोषणा तालियों के गड़गड़ाहट के बीच करते हुए आगामी 3 मई को 9.30 बजे से समस्तीपुर शहर के चीनी मिल चौक से निकलने वाले वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ जुलूस में शामिल होकर सफल बनाने की अपील उपस्थित हजारों समर्थकों से की। सभा के अंत में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम संबोधित 10 सूत्री स्मार पत्र बीडीओ गौरव कुमार द्वारा जनता के बीच आकर लेने के साथ ही कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई।

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