अल्बर्ट एक्का चौक पर आदिवासी समाज द्वारा सीएम का पुतला दहन

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक मे आदिवासी समाज द्वारा सीएम का पुतला दहन करना गूंगी बहरी हेमंत सरकार के मुंह पर कड़ा तमाचा है। सरकार अभी भी आंख खोले और आदिवासी समाज के भावनाओ को सम्मान करने का कार्य करे।

उपरोक्त बाते 27 अप्रैल को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने अल्बर्ट एक्का चौक पर आदिवासी समाज द्वारा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का पुतला दहन करने के आन्दोलनरत समाज को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच की ओर से समर्थन देते हुए कही। उन्होंने मंच की ओर से आदीवासी समाज को आश्वस्त किया कि आपके द्वारा चलाए जा रहे हर आन्दोलन को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच सदैव समर्थन करेगा।

नायक ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार धृतराष्ट्र की तरह आंख मूँद कर झारखंड के आदिवासी समाज के भावनाओ के साथ खिलवाड़ करने का कार्य कर रही है। जानबूझकर आदिवासी समाज की समस्याओ की अनदेखी कर रही है, जबकि आदिवासी समाज लगातार तीन महिने से आंदोलनरत है। फिर भी इनके कान में जूँ तक रेंगने का काम नहीं किया और ये आदिवासी समाज के समस्याओं के समाधान पर कभी गंभीरता नहीं दिखाने का कार्य किया है। जिससे यह प्रतीत होता है कि ये सिर्फ और सिर्फ आदिवासी वोट के सौदागर हैं। जिसका मात्र वोट लेना भर ही मकसद है।

नायक ने कहा कि रांची के सिरम टोली मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की मांग को लेकर आदिवासी समाज द्वारा मानव श्रंखला बनाया गया। इनको ध्यान आकृष्ट करने के लिए तो ये रास्ता बदल कर दुसरे रास्ते से समाज की अनदेखी कर निकल गये। इस पर कोई गंभीरता नही दिखाई।

जब समाज द्वारा सभी आदिवासी विधायको एवं भाजपा के रांची सासंद, विधायक का पुतला दहन किया गया और सदन मे रांची विधायक ने बात रखी तो सीएम सोरेन ने मात्र सदन मे जवाब दिया कि सरहुल पर्व धुमधाम से मनाया जायेगा। मगर, समाज के मुख्य विषय सिरम टोली के मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की दिशा मे बोलने से बचते रहे, जिससे आदिवासी समाज के बीच सकारात्मक संकेत ना जाकर गलत संदेश गया। उसी का परिणाम है कि आज रांची मे सीएम का पुतला दहन किया गया।

नायक ने साफ शब्दो मे कहा कि सरकार छोटानागपुर के आदिवासी समाज की भावनाओ के साथ एवं उनके धार्मिक स्थलो के साथ खिलवाड़ करना बंद करे, अन्यथा इसके बहुत ही गंभीर परिणाम हो सकते है। इसलिए किन्तु, परन्तु ना करते हुए एवं तथाकथित आदिवासी समाज का दलाली करने वालो की बातो को ना सुनते हुए तुरंत सरहुल से पूर्व सिरम टोली के मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की दिशा मे कार्रवाई करे। नहीं तो समाज अब डाइरेक्ट एक्शन मोड मे आने का कार्य करेगी और सिरम टोली के मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की दिशा मे कार्य करेगी, जिसकी जिम्मेवारी सीएम पर होगी ना कि आदिवासी समाज पर।

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