अपनी बदहाली पर आंसू बहाता सड़क
जितेश बोरकर/ खड़गपुर (बंगाल)। पश्चिमी मिदनापुर (West Midnapore) जिला में एक ऐसा भी गांव है, जहां शादी के लिए रिश्ते तो आते हैं लेकिन कोई शादी करने को राजी नहीं होता। वहीं जिनकी शादी हो गई है वे भी अब इस गांव में आना पसंद नहीं करते हैं। इसकी खास वजह यहां की कथित सड़कें हैं। मिदनापुर के दासपुर से राजनगर ग्राम पंचायत इलाके की कीचड़ से सनी कच्ची सड़कें इन दिनों दलदल का रूप धारण कर चुका है। इस लिये यहां आने से हर कोई कतराता है।
खबर के मुताबिक सुखों (खुशियों) के अवसर तो आते और जाते रहते हैं लेकिन दुख (गम) की घड़ी में भी यहां कोई आना पसंद नहीं करता। इस इलाके में आने का मतलब कीचड़ में खुद को डुबोने के जैसा है। यहां की सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। पश्चिमी मिदनापुर (West Midnapore) के दासपुर (Daspur) के दो नंबर ब्लॉक के राजनगर ग्राम पंचायत इलाके के हर गांव के लोगों को इस तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है।
एक तरफ नाडाजोल इलाका तो दूसरी तरफ घाटाल जाने वाली करीब 3 किलोमीटर लंबी सड़क काफी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस इलाके की कच्ची सड़के मानसून के दौरान बेहद खराब हो जाती है। इससे गांववालों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस सड़क को पार करना चुनौतियों से भरा है। इन्हीं कारणों से इन गांव में रिश्ते तो आते हैं लेकिन शादी से पहले टूट जाते हैं।
इस इलाके के बुला मालाकार, सपन दोलाई, झंटु प्रधान, मालती हाथी और समीर स्वर्णकार ने बताया कि यहां के लड़के -लड़कियां पढ़े लिखे और नौकरी पेशा हैं। इसके अलावा उनके घर भी अच्छे हैं। लेकिन बदहाल सड़क के कारण यहां कि बेटियों की शादी किसी दूसरे इलाके में कराना लोहे के चने चबाने के बराबर है। इस इलाके में दामाद या बहू की खोज में आने वाले घर के अलावा घर तक पहुंचने के साधनों को भी ध्यान में रखते हैं।
हाल ही में यहां के एक परिवार को बेटी की शादी कराने के लिए दूसरी जगह का सहारा लेना पड़ा। क्योंकि बदहाल सड़क के कारण लड़के के घरवालों ने इस गांव में बारात लाने से साफ इंकार कर दिया। ऐसे अगर किसी लड़की की शादी हो भी जाती है तो शादी के बाद लड़की उस गांव की तरफ मुड़कर नहीं देखती। इन बातों को लेकर गांववालों का गुस्सा स्थानीय नेता और प्रशासन पर है।
इस इलाके के एक गांव की दिलचस्प कहानी यह है कि गर्मी के मौसम में एक युवक हावड़ा (Howrah) से घुमने के लिए यहां आया था। यहां आने के बाद उसे एक लड़की से प्रेम हो गया। इस बात की जानकारी दोनों पक्ष के परिवार के लोगों को लगी। इसके बाद बात आगे बढ़ी लड़के के परिजन लड़की वालों के घर आए। लेकिन यहां की बदहाल सड़क व इलाके की जानकारी लेने के बाद शादी से मुकर गए। ऐसे में लड़के केदोस्तों ने तय किया कि तुम्हें जिससे प्यार हुआ है वहीं शादी रचाओ।
कुछ दिन बीतने के बाद करीब एक दर्जन दोस्तों के साथ मानसून (बारिश ) के दौरान युवक अपनी प्रेमिका से विवाह करने आ रहा था। लेकिन कीचड़ से भरे कच्ची सड़क तक आते आते युवक के दोस्तों का हौसला पश्त हो गया। इसके बाद बारात के रूप में आ रहे युवकों ने आधे रास्ते से लौटने का फैसला किया। इसके बाद जो हुआ वह पढ़कर आप भी चौंक जाएंगे। हुआ यूं कि दुल्हे ने अपने कंधे पर उठा-उठा कर अपने सभी दोस्तों को करीब एक किलोमीटर के कीचड़ से भरे रास्ते को पार कराया।
इसके बाद उक्त युवक ने अपनी प्रमिका के साथ शादी का रस्म पूरा किया। यह बात करीब एक दशक पहले की है। उस समय से इस इलाके का यह रास्ता अब भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस मुद्दे पर पश्चिम मेदिनीपुर जिला शासक रश्मि कमल से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस इलाके की समस्याओं पर मंथन किया जा रहा है। जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
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