ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में तेनुघाट स्थित उपकारा (जेल) में सर्वोच्च न्यायालय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं प्रधान जिला जज बोकारो के निर्देश पर जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम मनोज कुमार प्रजापति एवं प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय के संयुक्त नेतृत्व में 20 अप्रैल को उक्त जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। साथ ही जेल में बंदियों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का भी आयोजन किया गया।
कानूनी जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए एसीजेएम मनोज प्रजापति ने बताया कि जेल अदालत के साथ-साथ मेडिकल कैंप भी लगाया जा रहा है। जिससे सभी बंदियों को दोनों का फायदा प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं कोई मारपीट होता है तो पीड़ित का मेडिकल कराया जाता है। जिसका मेडिकल रिपोर्ट डॉक्टर द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। उसी के आधार पर न्याय में बंदियों को सहायता मिलती है।
बंदियों को कानूनी जानकारियां देते हुए उन्होंने बताया कि अगर आपके खिलाफ थाना में मामला दर्ज किया जाता है और आपको थाना से नोटिस जारी किया जाता है तो आप थाना में जाकर अपनी बात रख सकते हैं। ताकि आपकी बातों को सुनकर मामले की जांच पड़ताल की जा सके। उन्होंने बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बताते हुए कहा कि नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची द्वारा जेल बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है।
वहीं प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय ने बताया कि आज न्यायालय में अगर आपका मुकदमा है तो आपको मुफ्त अधिवक्ता, कानूनी सलाह दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं।
डॉ शंभू कुमार ने बताया कि हम आजाद देश के नागरिक हैं। हम सभी को आजादी से जीने का हक है, मगर हमें कानून का भी पालन करना चाहिए। जिस तरह हमारा अधिकार है, उसी तरह हमारा कर्तव्य भी है। जैसे की अगर आप रास्ता में चल रहे हैं तो आपको अपने बाएं ओर चलना चाहिए। जिससे आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि हमें नशे से दूर रहना चाहिए, जिससे हमें कई बीमारियां होती है। अगर हम नशे से दूर रहें तो हम बीमारी के साथ-साथ गलत आदत से भी दूर रहेंगे। शिविर में पैनल अधिवक्ता प्रशांत पाल ने दहेज अधिनियम के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनो अपराध है। इसलिए हमें ऐसे अपराध से बचने की जरूरत है।
जानकारी के अनुसार इस अवसर पर जेल में लगे मेडिकल कैंप में बंदियों ने स्वास्थ्य जांच कराया। जिसमें सामान्य जांच, आंख जांच और दांत जांच शामिल है। स्वागत भाषण करते हुए जेल अधीक्षक अरुणाभ ने कहा कि हमें यहां से अपने आप को सुधार कर आगे बढ़ना चाहिए। हम जेल से निकलकर दूसरे को भी अपराध से दूर रहने की जानकारी दे सकते हैं, ताकि वे भी अपराध न करें। मंच संचालन करते हुए अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने कहा कि हमें हमेशा कानून के दायरे में चलना चाहिए, जिससे हमें कभी भी किसी भी तरह के परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। बताया कि हमेशा हम गुस्से में आकर कोई न कोई गलतियां कर देते हैं, इसलिए हमें अपने गुस्से पर कंट्रोल करना चाहिए। जिससे हम किसी भी प्रकार के गुनाह से बच सकते हैं।
जेलर नीरज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि हमें सभी से काफी कुछ सुनने को मिला है और उम्मीद है कि आप उस पर अमल करेंगे। अपने आप को सुधार कर एक अच्छी जिंदगी गुजर बसर करेंगे। मौके पर श्रीनिवास कुमार, विजय ठाकुर, मनोज प्रजापति सहित अन्य मौजूद थे।
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