एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्य सरकार द्वारा कफन योजना को दोबारा शुरू किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय झारखंड सरकार की विफल नीतियों और जमीनी हकीकत का कड़वा प्रमाण है।
बाउरी ने 16 अप्रैल को कहा कि जब राज्य की जनता बेहतर इलाज, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकीय सुविधा और आपातकालीन सेवाओं की मांग कर रही है, तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा “कफन” की योजना की घोषणा करना बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। कहा कि क्या अब झारखंड सरकार को यह उम्मीद भी नहीं रह गई है कि किसी मरीज को बचाया जा सकता है?
बाउरी ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या सरकार की प्राथमिकता अब जीवन बचाने के बजाय मृत्यु के बाद की औपचारिकताओं तक सीमित रह गई है? उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल वर्तमान झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया है।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह करते हुए पूर्व मंत्री बाउरी ने कहा कि जनता को जीवन चाहिए, कफन नहीं। सरकार ऐसी योजनाएं बनाए जो जीवन की रक्षा करें, न कि मौत को सुसंस्कारित करने का दिखावा करे।
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