गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित बिहार की सर्वाधिक चर्चित साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था किरण मंडल द्वारा बीते 13 अप्रैल की शाम 78वां मधु पर्व शहर स्थित एक सभागार में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी के मुख्य अतिथि तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी चेन्नई के अध्यक्ष ईश्वर करुणा उपस्थित थे, जिन्होंने हिन्दी में रचित अपनी काव्य पाठ से उपस्थित श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। इनके अलाव अन्य कवि और गीतकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
इस वर्ष का मधु पर्व वैशाली के जाने माने लेखक और गीतकार हृदयेश्वर की स्मृति में समर्पित रहा। आयोजित कार्यक्रम में हाजीपुर के प्रोफेसर रामजी राय के जीवन वृत्त पर प्रकाशित पुस्तक जहां फूटते हैं संवेदना के स्वर का लोकार्पण किया गया। कुल 36 आलेखों से सुसज्जित इस पुस्तक का संपादन अनेक पुस्तकों के लेखक एवं संपादक अश्विनी कुमार आलोक ने किया है। समारोह की खास बात यह रही कि प्रोफेसर राय भी इस समारोह में उपस्थित थे।
संस्था के अध्यक्ष ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉक्टर शैलेंद्र राकेश के संबोधन से कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। लेखक और पत्रकार सुरेन्द्र मानपुरी ने उक्त पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की। समारोह के मुख्य अतिथि तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी के महासचिव एवं साहित्य की प्राय: सभी विधाओं पर समान रूप से कलम चलाने वाले साहित्यकार ईश्वर करूण, संस्था के अध्यक्ष डॉ शैलेंद्र राकेश, पटना से आए चर्चित कवि कुमार विजय, पुस्तक के संपादक अश्विनी कुमार आलोक आदि ने किया।
मानपुरी ने प्रोफेसर रामजी राय के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वे राज नारायण कॉलेज हाजीपुर में अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक रहे हैं। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में बेतिया के शायर डॉ ताहिरउद्दीन ताहिर ने भी अपनी गजलें सुनाई। कवि सम्मेलन की शुरुआत संगीता राय के काव्य पाठ से किया गया, जो प्रोफेसर रामजी राय की पुत्री हैं।
सारण जिला मुख्यालय छपरा से आए प्रसिद्ध युवा कवि अविनाश भारती ने काफी सलीके से संचालन करते हुए कवि सम्मेलन को ऊंचाई प्रदान की। मधु पर्व और पुस्तक लोकार्पण समारोह को सफल बनाने में अश्वनी कुमार आलोक की भूमिका के साथ संस्था के अन्य सदस्यों ने भी अपनी भूमिका निभाई।
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