सेल कमिटि, ट्रक मालिक व् कोल व्यापारी की बैठक मे रेट पर नहीं बनी सहमति

सीसीएल खासमहल मे कोयले का मूल्य तय करती है सेल कमेटी

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। सीसीएल में कोयले की दर अप्रत्यक्ष रूप से कोलियरियों में संचालित सेल कमेटी तय करती है। इसका ताजा उदाहरण बोकारो जिला के हद में सीसीएल बीएंडके एरिया की एककेओसीपी (कोणार) में देखने को मिल रहा है।

बताया जाता है कि यहां सेल कमेटी डीओ धारकों को 5650 रुपए प्रतिटन की दर से कोयला उठाव करने की दर तय कर दी है। लेकिन सेल कमेटी की ओर से तय दर पर ही कोयला बेचने को कहा जाता है, अन्यथा कोयला उठाव में अड़ंगा डालते हैं। वर्तमान में डीओ धारकों ने यहां 5500 रुपए प्रति टन दर से कोयला का डीओ लगाकर कोयला खरीदा है।लेकिन उन्हें तय दर पर कोयला उठाव करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, सीसीएल प्रबंधन कोयला उठाव का प्रयास कर रही है। डीओ धारक आबंटित कोयला सेल कमेटी को उस दर बेचने को तैयार नहीं हैं। जबकि सेल कमेटी अभी भी अपनी मांग पर अड़ा है। सेल कमेटी द्वारा डीओ धारकों को कोयला खरीद दर से 150 रुपए मार्जिन देकर कोयला उठाव करने का आदेश देने को तैयार हैं। इसे लेकर 11 अप्रैल को सेल कमिटि, ट्रक मालिक और कोयला व्यापारी की बैठक जिला के हद में बेरमो प्रखंड के कुरपनिया मे आयोजित की गयी, लेकिन रेट पर सहमति नहीं बनी।

सेल कमिटि से प्रबंधन का वास्ता नहीं-पीओ एककेओसीपी सत्येंद्र कुमार सिंह

इस संबंध में एककेओसीपी के पीओ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व सेल खोल दी गई है, ताकि डीओ होल्डर कोयला का उठाव कर सके। कोयला उठाव में डीओ होल्डर को हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीसीएल की ओर से कोयले की ओपन सेल खोली जाती है। इसमें डीओ धारक स्वेच्छा से बिडिंग करते हैं। इसमें प्रबंधन का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। अगर कहीं कोई शिकायत मिलती है, तो उसमें प्रबंधन प्रशासन से सहयोग लेता है। कहा कि सेल कमेटी से प्रबंधन का कोई लेना देना नहीं है। डीओ धारक ज्यादा दर पर कोयला बिडिंग करते हैं, तो उन्हें प्रशासनिक सुरक्षा देकर कोयला उठाव में मदद की जाती है।

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