एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची में जिस तरह सीएए, एनआरसी के विरोध में 3000 आंदोलनकारियों पर राजद्रोह के मुकदमे एवं सिरम टोली से रैम्प हटाने के लिए आंदोलनकारियों पर से दर्ज प्राथमिकी को हटाया गया उसी तर्ज पर बीएसएल प्रबंधन द्वारा 500 विस्थापित अप्रेंटिसशिप आंदोलनकारियों पर दर्ज केस को हटाए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।
उपरोक्त बातें आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने 8 अप्रैल को बीएसएल बोकारो प्रबंधन द्वारा बीएस सिटी थाना मे 500 आंदोलनकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने पर प्रतिक्रिया मे कही। उन्होंने साफ शब्दो मे कहा कि बीएसएल प्रबंधन व् प्रशासन ने आंदोलन को दबाने के लिए जानबूझकर अतिरिक्त सख्ती की है, जो शत प्रतिशत अन्याय है। कहा कि जहां विस्थापित युवाओं की मांग पर विचार करने के बजाय केस दर्ज करना, उनकी आवाज को कुचलने जैसा है। यह गंभीर विषय है। आग मे घी डालने जैसी हरकते है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नायक ने कहा कि एक तरफ बीएसएल प्रबंधन के तरफ से सीआईएसएफ और बीएसएल सुरक्षा बलों ने एक विस्थापित युवक को लाठी से पीट पीटकर हत्या कर देती है। दुसरी ओर 500 युवाओं के साथ आन्दोलित अप्रेंटिस संघ पर केस भी करती है, जो न्यायोचित नही है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार इस अन्याय के प्रति थोड़ा सजग होकर संज्ञान ले और विस्थापित अप्रेंटिस रोजगार की मांग कर रहे युवाओ को न्याय देने की दिशा मे ठोस पहल करे।
नायक ने कहा कि जिस तरह हेमंत सोरेन ने अपने पहले कार्यकाल (2019-2024) में जनवरी 2020 में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में धनबाद जिले में लगभग 3000 आंदोलनकारियों पर राजद्रोह के तहत दर्ज मुकदमों को हटाने का आदेश दिया। यह घोषणा उनके मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों बाद 8 जनवरी 2020 को लागू हुई। सोरेन ने इसे जनता की आवाज सुनने का कदम बताया। रांची के सिरम टोली मे रैम्प हटाने के लिए आन्दोलनरत आदिवासी समाज के उपर दर्ज प्राथमिकी को हटाया था।
उसी तर्ज पर बीएसएल के बाहर आंदोलित अप्रेंटिस विस्थापित युवाओं पर 500 आंदोलनकारियों के खिलाफ केस को हटाने की घोषणा कर उनके साथ न्याय करे। उन्होंने आशा और विश्वास जताते हुए कहा कि राज्य के एक मात्र हेमंत सोरेन ही ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने स्पष्ट रूप से आंदोलनकारियों पर दर्ज प्राथमिकी हटाने की घोषणा की और उसे लागू किया है। जिससे वे उम्मीद करते है कि बीएसएल के बाहर अप्रेंटिस विस्थापित युवाओं के खिलाफ केस हटा कर जरुर न्याय देने का ऐतिहासिक पहल करेंगें।
नायक ने कहा कि बीएसएल प्रबंधन विस्थापित अप्रेंटिस युवाओं पर केस कर आग से खेलने तथा जलते हुए आग मे घी डालने का कार्य कर आन्दोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है, जो वर्तमान समय के लिए ठीक नही है। जबकि प्रबंधन को अभी विस्थापित अप्रेंटिस युवाओ को मरहम लगाने की आवश्कता थी जो पूर्व मे आग लगी थी। उसको सहृदयता से बुझानी चाहिए थी, मगर प्रबंधन हठधर्मी बन कर पुनः शांतिपूर्ण चलाए जा रहे आंदोलन को भड़काने का कार्य कर रही है जो आने वाले दिनो मे बीएसएल के लिए शुभ संकेत नहीं है।
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